अब एक दिन में सिर्फ 50 हज़ार तीर्थयात्री कर पाएंगे वैष्णोदेवी के दर्शन

By: Dilip Kumar
11/13/2017 11:39:13 PM
नई दिल्ली

NGT ने श्री माता वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या को नियंत्रित करने का आदेश दिया है। एनजीटी ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि माता वैष्णो देवी के मंदिर में अब एक दिन में सिर्फ 50 हजार श्रद्धालुओं को ही दर्शन करने की अनुमति दी जाए। एनजीटी ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि यदि श्राइन बोर्ड को इससे ज्यादा श्रद्धालुओं के यात्रा पंजीकरण की सूचना मिलती है तो अतिरिक्त श्रद्धालुओं को कटरा और अर्धकुंवारी में ही रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी जाए। इसके साथ ही एनजीटी ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के कॉम्प्लेक्स में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया।

नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या पर असर

कहा जा रहा है कि एनजीटी ने पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से इस दिशा में फैसला लिया है। माना जा रहा है कि एनजीटी के फैसले का असर सबसे ज्यादा नवरात्र के समय में देखने को मिलेगा। नवरात्र के समय हर साल औसतन 50-60 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने के साथ यात्रियों के ठहरने के लिए भी पुख्ता इंतजाम करना श्राइन बोर्ड के लिए चुनौती भरा काम होगा।

एनजीटी पर भड़के सोशल मीडिया यूजर्स

नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) द्वारा एक दिन में केवल पचास हजार श्रद्धालुओं को वैष्णों देवी मंदिर भेजने और नए निर्माण कार्य नहीं होने के आदेश के बाद ट्विटर यूजर्स ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस पर कुछ कथित हिंदू संगठनों ने एनजीटी को खत्म या बर्खास्त करने की मांग की है। एक यूजर ने एनजीटी को उखाड़ फेंकने की बात कही है। जबकि एक यूजर लिखते हैं, ‘इस रोक का क्या मतलब है? भविष्य में एनजीटी हिंदू धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लगाने जा रहा है।’ हालांकि एनजीटी के इस फैसले से जम्मू में स्थित कटरा के माता वैष्णो देवी तीर्थस्थान की देखभाल करने वाली श्राइन बोर्ड भी खुश है क्योंकि बोर्ड खुद भी पहले ही रोजाना इस संख्या से अधिक श्रद्धालुओं को दर्शनों करने की अनुमति नहीं दे रहा है।

एनजीटी ने ये फैसला किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए लिया है। एनजीटी ने यह भी कहा है कि वैष्णो देवी में पैदल चलने वालों और बैटरी से चलने वाली कारों के लिए एक विशेष रास्ता 24 नवंबर से खुलेगा। वहीं एनजीटी ने ये भी आदेश दिया है कि मंदिर तक पहुंचने वाले इस नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को जाने की इजाजत नहीं होगी, बल्कि इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने मार्ग से भी हटाया जाएगा।
एनजीटी ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कटरा शहर में सड़कों और बस स्टॉप पर थूकने वालों पर 2,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

जुर्माने को पर्यावरण मुआवजे के नाम दिया गया है। गौरतलब है कि एक एक्टिविस्ट गौरी मौलेखी ने अपनी याचिका में तीर्थस्थल पथ से घोड़ों और खच्चरों को हटाने जाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि इससे पथ पर चलने वाले यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को इस तरह से सवारियों से खासा नुकसान है।

 


comments