संतोष, प्रेम, सुख पैसे से नहीं खरीदा जा सकता : गोपाल दास

By: Dilip Kumar
6/12/2018 4:04:19 PM
नई दिल्ली

मछली, घोड़ा, हाथी, जिराफ, बंदर आदि को एक ही लाइन में खड़ा किया जाए और उनकी क्षमता नापने के लिए जमीन के ऊपर परीक्षा ली जाए तो सबसे पहले मछली फेल हो जाएगी क्योंकि वह पानी में रहती है। अगर पानी में उसको परीक्षा देनी हो तो वह अवश्य जीत जाएगी। बंदर की परीक्षा अगर पेड़ पर चढ़ने के लिए ली जाए तो वह उसमें अव्वल आएगा। यह कहना है इंटरनेशनल लाइफ कोच गौर गोपाल दास का। रविवार को राउंड टेबल इंडिया और लेडीज सर्कल इंडिया की तरफ से फ्रीडम फॉर एजुकेशन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी योग्यता के हिसाब से काम करता है।

व्यक्ति की योग्यता पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो वह बार-बार फेल होगा और दुखी रहेगा। हमारा एजुकेशन सिस्टम भी कुछ ऐसा ही है। हमारे यहां योग्यता के आधार पर मूल्यांकन नहीं किया जाता। कई तरह की योग्यता वाले व्यक्ति की परीक्षा एक समान नहीं होनी चाहिए। गौर गोपाल दास ने सीक्रेट ऑफ हैप्पीनेस पर बात कहा कि संतोष, प्रेम, सुख पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। सुख अपनी चॉइस है इसे पोस्टपोन ना करें।

हम सभी एक रेस में लगे हैं। भौतिक सुख को ही सुख समझ लिया है। जब तक यह व्यवस्था बदलेगी नहीं तब तक बदलाव नहीं आएगा। हमें वर्तमान में जीना सीखना होगा। स्वीकार की भावना सीखने से सुख प्राप्त होगा। व्यक्ति जब अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देगा, रिश्तों को अहमियत देगा, समाज में अपना योगदान देगा और आध्यात्मिक चिंतन करेगा तभी खुशी प्राप्त करेगा।


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