अखरोट : यूं ही नहीं कहलाता है ब्रेन फूड

By: Dilip Kumar
6/16/2018 8:43:53 PM
नई दिल्ली

न्यूयार्क स्थित लाइफ साइंस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन के वैज्ञानिक माइकल फाल्क के अनुसार रोज 48 ग्राम अखरोट खाना सेहत के लिए पर्याप्त है। अखरोट प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत होता है। यह रेशेदार होता है व इसमें विटामिन बी, मैगनीशियम और विटामिन ई भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ई और फोलेट के कारण याददाश्त रहती है दुरुस्त। इसके नियमित सेवन से दिमाग तेज होता है, इसीलिए इसे 'ब्रेन फूड के नाम से भी जाना जाता है।

इसका नियमित सेवन शरीर में बढ़े कोलेस्टेरॉल को कम करने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, ट्राइग्लिसरॉइड को कम करते हैं और एच.डी.एल. यानी अच्छे कोलेस्टेरॉल को बढ़ाकर खराब कोलेस्टेरॉल यानि एल.डी.एल. को शरीर में कम करता है। इस तरह हृदय को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुसार डायबिटीज के मरीजों को रोज अखरोट जरूर खाना चाहिए।

इसमें मौजूद अल्फा लिनोलेनिक एसिड शरीर में खून के थक्के को जमने से रोकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। अखरोट कैंसर को रोकता है और शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। रोज केवल 100 ग्राम अखरोट खाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 40 प्रतिशत कम हो जाता है। स्तन कैंसर के खतरे को तो यह 50 प्रतिशत तक घटा देता है। अखरोट 'लैक्जेटिव होता है, इसलिए इसके सेवन से कब्ज भी दूर होता है।

अखरोट में पाये जाने वाला मेलाटोनिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है जो अच्छी नींद पाने में मदद करता है। इसलिए सोने से पहले अखरोट का सेवन करना अच्छी नींद लाने में सहायक होता है। अखरोट का सेवन हड्डियों में सुधार लाता है। इस तरह देखा जाए तो अखरोट में पाई जाने वाली कैलोरीज की अधिकता के बावजूद इसके फायदों को नजरअंदाज करना मुश्किल है। अत: सेचुरेटेड फैट्स के साथ इसका सेवन जरूर करना चाहिए, पर संतुलित मात्रा में।


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