पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने करतापुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के मौके पर भारत के साथ दोस्ती की बात दोहराई. एम ख़ान ने कहा कि कश्मीर के मसले को भी सुलझाया जा सकता है और इसके लिए इरादा चाहिए. इस मौक़े पर भारत की ओर से पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल मौजूद थीं. उद्घाटन के मौक़े पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा, "70 साल से हम ऐसे ही हालात देख रहे हैं. आज पाकिस्तान में मैं, हमारी पार्टी, हमारी फौज़, विपक्षी पार्टी सभी एक पेज पर खड़े हैं. हम आगे बढ़ना चाहते हैं.
हमारा मसला एक है, कश्मीर का. इंसान चांद पर पहुंच चुका है तो क्या हम एक मसला हल नहीं कर सकते. मैं यक़ीन दिलाता हूं कि ये मसला हल हो जाएगा. इरादा चाहिए." उन्होंने कहा, "हमारे रिश्ते सुधर जाएं तो दोनों मुल्कों को इससे कितना फ़ायदा हो सकता है. मैं हिंदुस्तान से मज़बूत रिश्ते चाहता हूं. हमने गुरबत ख़त्म करनी है तो बॉर्डर खुल जाए औऱ तिजारत शुरू हो जाए." उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान कहता है पाकिस्तान की ग़लती है. पाकिस्तान कहता है हिंदुस्तान की ग़लती है. मैं कहता हूं कि दोनों तरफ़ की ग़लती है. एक दूसरे पर आरोप लगाने का खेल चलता रहेगा. जंग आपको सबक सिखाता है आगे बढ़ने के लिए. हम एक क़दम आगे बढ़कर दो क़दम पीछे हट जाते हैं."
"आप एक क़दम चलें, हम दो क़दम आगे बढ़ेंगे"
पीएम ख़ान ने कहा, "फ़्रांस और जर्मनी जिन्होंने कितनी जंगें लड़ी हैं और दोनों मुल्कों के बीच खुली हुई सीमाएं हैं. उनके बीच जंग की आज सोच भी नहीं है. फ़्रांस और जर्मनी यूरोपिय यूनियन बनाकर आगे बढ़ सकते हैं तो हम क्यों नहीं. हम ये जंजीर तोड़ देंगे. दोनों मुल्क आगे बढ़ सकते हैं. मैं इस मौक़े का फ़ायदा उठाते हुए कहता हूं कि हिंदुस्तान एक क़दम आगे बढ़ाएगा तो हम दो क़दम आगे बढ़ेंगे."
सिद्धू की पिछली पाकिस्तान यात्रा के बाद भारत में हुई उनकी खिंचाई पर भी इमरान ख़ान बोले. उन्होंने कहा, "जब सिद्धू जब वापस गए तो इनके ऊपर बड़ी आलोचना हुई. एक इंसान दोस्ती और प्यार का पैग़ाम लेकर आया है तो वो कौन सा जुर्म कर रहा है. वो उन दो मुल्कों के बीच दोस्ती की बात कर रहा है, जिनके पास एटमी हथियार हैं. इन दोनों देशों के बीच जंग तो हो नहीं सकती तो फिर साथ आगे बढ़ें."
उन्होंने कहा, "सिद्धू आप पाकिस्तान में आकर चुनाव लड़ लें, जीत जाएंगे, खास कर पंजाब में." करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू बोले कि हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे. उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी. उन्होंने कहा कि अब खून-ख़राबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैग़ाम आगे बढ़ना चाहिए. अब तक बहुत नुकसान हो गया है. यह कॉरिडोर दोनों देशों के लोगों के बीच में संपर्क बढ़ाएगा, जो संपर्क टूटा हुआ था वो अब दोबारा जुड़ रहा है. जब भी करतारपुर कॉरिडोर का इतिहास लिखा जाएगा तो इमरान ख़ान का नाम पहले पन्ने पर लिखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि बंटवारे के दौरान दो पंजाब टूट गए थे, आज इमरान जैसी कोई चाबी आनी चाहिए कि इन्हें जोड़ना चाहिए. सिद्धू ने उम्मीद जताते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर भारत-पाकिस्तान के बीच सेतु का काम करेगा और आपसी दुश्मनी कम करेगा. इस कॉरिडोर से लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा. उन्होंने इस गलियारे को संभावनाओं, शांति और समृद्धि का कॉरिडोर बताया.
हरसिमरत ने भी की इमरान ख़ान की तारीफ़अपनी पूरी श्रद्धा जताते हुए भारत सरकार की तरफ़ से इस समारोह में शामिल होने पहुंचीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि 70 साल से हर सिख की यह इच्छा थी. जिस धरती पर सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का अवतार हुआ वो धरती आपकी. हम चार किलोमीटर की दूरी से यहां नमन करते हैं. 70 साल में पहली बार मेरे जैसे कई सिखों को यहां आकर नमन करने का मौक़ा मिला. मैं उस अरदास के साथ आई हूं कि मेरे जैसे अरदास करने वालों को भी यह मौक़ा मिले.
ट्वीट के ज़रिए भी हरसिमरत कौर ने बताया कि इस मौके पर आकर वो कितनी भावुक हैं. उन्होंने कहा, "आज एक नया इतिहास लिखा जा रहा है. जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो हिंदुस्तान और पाकिस्तान की नफ़रत को आप गिरा सकते हैं. यह कॉरिडोर भी सभी को जोड़ेगा."
इसके साथ ही हरसिमरत कौर ने कुछ मांगें भी इमरान ख़ान सरकार के सामने रख दीं. उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान की सरकार की तरह गुरुनानक के नाम पर सिक्का या पोस्टेज स्टाम्प आप भी चला लें. भारत की ही तरह यहां भी ट्रेन से सिखों के सभी धार्मिक स्थलों को जोड़ें." इसके अलावा उन्होंने इमरान ख़ान से करतारपुर शहर को बसाने का अनुरोध किया. पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी न्योता दिया था लेकिन अलग-अलग कारणों से दोनों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया.
इतना ही नहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से करतारपुर साहिब की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शरीक होने के लिए पाकिस्तान जाने के उनके फ़ैसले पर फिर से विचार करने को भी कहा था. इस गुरुद्वारे का सिखों के लिए बहुत महत्व है क्योंकि गुरुनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल यहां गुजारे थे.
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