लोकसभा : तीन तलाक विधेयक पांच महीने में दूसरी बार पास

By: Dilip Kumar
7/25/2019 9:57:35 PM
नई दिल्ली

लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक विधेयक चर्चा के बाद पास हो गया। इसके पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। यह दूसरी बार है जब विधेयक लोकसभा में पास किया गया। इससे पहले फरवरी में भी बिल को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन राज्यसभा ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद नई सरकार ने नियमों के तहत विधेयक को दोबारा लोकसभा में पेश किया था। वोटिंग के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और जेडीयू ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

नारी की गरिमा से जुड़ा विधेयक: रविशंकर

बहस के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “यह विधेयक धर्म या मजहब से नहीं, यह नारी की गरिमा से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिलना चाहिए। सीजेआई ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए कानून बनाने के लिए कहा था। कोर्ट के फैसले के बाद भी देश में तीन तलाक के 345 मामले सामने आए।” दूसरी तरफ कांग्रेस ने यूपीए के सभी सहयोगी दलों के साथ इस बिल का विरोध किया।एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिल को महिलाओं के खिलाफ बताया।

रविशंकर ने कहा, ''इसी सरकार ने भारत की बेटियों को फाइटर पायलट बनाया। आज वे चंद्रयान मिशन तक को लीड कर रही हैं। आज सदन में 78 महिलाएं चुनकर आई हैं। इस बार मेरा भी सौभाग्य है कि मैं भी पहली बार पटना से लोकसभा का सदस्य बना हूं। इस बार सदन की आवाज खामोश नहीं रहेगी। तीन तलाक को सियासी चश्मे से न देखा जाए। यह नारी के न्याय और गरिमा का मामला है। दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने तीन तलाक को बदला है।''

ओवैसी ने कहा- यह कानून औरतों पर जुल्म के जैसा

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''तीन तलाक कानून महिलाओं के खिलाफ है। क्या शौहर जेल में रहकर भत्ता देगा। सरकार इस तरह औरतों को सड़क पर लाने का काम कर रही है। इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट की तरह होती है। यह जन्म-जन्म का साथ नहीं है। मैं सुझाव देता हूं कि कानून न बनाकर मेहर की 500% रकम लौटाने का प्रावधान कर दिया जाए। हमको इस्लामिक देशों से मत मिलाइए वरना कट्टरपंथी को बढ़ावा मिलेगा।''

जदयू ने किया बिल का विरोध

एनडीए के सहयोगी जदयू ने पहले ही लोकसभा में बिल को समर्थन नहीं करने की बात कही थी। जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि इस बिल से एक विशेष समुदाय में अविश्वास की भावना पैदा होगी। इसलिए हमारी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी। मोदी सरकार-2 के दूसरे कार्यकाल में संसद के पहले सत्र में 21 जून को सबसे पहला विधेयक तीन तलाक पर ही पेश किया था। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने बिल पेश करने को लेकर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद वोटिंग कराई गई।

7 अगस्त तक बढ़ा संसद सत्र

तीन तलाक बिल पास होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को संसद का कार्यकाल दो हफ्ते तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। तय शेड्यूल के तहत मौजूदा सत्र 25 जुलाई को खत्म होना था। लेकिन सभापति ने संसद सत्र को 7 अगस्त तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया।

कांग्रेस ने महिला सशक्तिकरण के दो मौके गंवाए, यह बिल उनके लिए मौका: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को बजट सत्र में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कांग्रेस से तीन तलाक बिल पर समर्थन की अपील की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस महिला सशक्तिकरण के दो मौके पहले ही गंवा चुकी है। तीन तलाक बिल उनके लिए तीसरा मौका है। 1950 के दशक में समान नागरिक संहिता का मौका आया था। लेकिन, तब कांग्रेस चूक गई और ‘हिन्दू कोड’ विधेयक ले आई। इसके 35 साल बाद शाहबानो वाले मामले में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने का मौका आया था, तब भी कांग्रेस चूक गई। लेकिन अब इसे (तीन तलाक) किसी धर्म, संप्रदाय से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है।

 


comments