देश में आ सकती है कोरोना की तीसरी वैक्सीन
By: Dilip Kumar
1/30/2021 7:52:48 PM
देश को इस साल जून तक कोरोना वायरस के खिलाफ एक और टीका मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। स्थानीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत में कोवोवैक्स नामक वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) से अनुमति मांगी है। अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स ने कोवोवैक्स को विकसित किया है। सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि कंपनी ने भारत में कोवोवैक्स का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) के यहां आवेदन कर दिया है।
पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, 'कोरोना वैक्सीन के लिए नोवावैक्स के साथ हमारी साझीदारी के उत्कृष्ट प्रभावी नतीजे सामने आए हैं। हमने भारत में इसका ट्रायल शुरू करने के लिए आवेदन किया है। उम्मीद है जून तक कोवावैक्स को लांच कर देंगे।'सरकारी अधिकारियों के मुताबिक डीसीजीआइ की विषषय विशेषषज्ञ समिति ने सीरम के आवेदन की समीक्षा करने के बाद उससे संशोधित प्रस्ताव जमा कराने को कहा है। कंपनी द्वारा संशोधित प्रस्ताव जमा कराने के बाद विशेषषज्ञ समिति उस पर विचार करेगी।
नोवावैक्स 89.3 फीसद प्रभावी
नोवावैक्स ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि ब्रिटेन में हुए तीसरे चरण के ट्रायल में उसकी वैक्सीन 89.3 फीसद प्रभावी पाई गई है। ब्रिटेन में नए कोरोना स्ट्रेन के सामने आने और महामारी के तेज प्रसार के बीच इसका ट्रायल किया गया था। 18 से 84 आयुवर्ग के 15,000 लोगों पर इसका ट्रायल किया गया था।
कोविशील्ड का उत्पादन कर रही सीरम
सीरम पहले ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है। केंद्र सरकार ने देश में चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए कोविशील्ड की 1.10 करोड़ डोज खरीदे हैं। सद्भावना के तौर पर सरकार ने कोविशील्ड के लाखों डोज आस-पड़ोस के देशों को भी भेजे हैं। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी से देश में कोरोना का टीकाकरण अभियान चलाया है। लगभग तीन करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के साथ यह टीकाकरण दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है।
गौरतलब है कि देश में अब तक करीब तीस लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। वहीं, अब फरवरी के पहले सप्ताह से फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोराना का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का पत्र लिख कर दिशानिर्देश जारी किए हैं।