साइबर सिटी में नित्यानंद उत्सव की धूम, बच्चों ने हरे कृष्ण महामंत्र से किया मंत्रमुग्ध

By: Dilip Kumar
2/18/2024 7:12:38 PM
गुरुग्राम

निशा सूरी की रिपोर्ट। साइबर सिटी के सेक्टर 43 में निर्माणाधीन हरे कृष्ण मंदिर में नित्यानंद उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उत्सव की शुरुआत श्री श्री निताई गौरांग के पंचामृत अभिषेक से हुई। इस दौरान सभी तरह के अभिषेक किए गए। पंचतत्व अभिषेक, नवकलश अभिषेक, फलों के रसों से नित्यानंद प्रभु का अभिषेक किया गया। अभिषेक के साथ ही महाआरती, संकीर्तन एवं महाप्रसाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने विभिन्न प्रकार के पुष्पों का चयन कर हरे कृष्ण मंदिर को मनोहर रुप में सुसज्जित किया। इसके बाद भोग एवं वैदिक मंत्रोच्चारण कर पंचव्य, फलों के रस, औषधियों एवं पुष्पों से श्रीश्री निताई गौर का महाभिषेक किया गया। गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय में माघ मास की त्रयोदशी को श्रील नित्यानंद महाप्रभु के आर्विभाव दिवस के रुप में मनाया जाता है। वृंदावान चंद्रोदय मंदिर में 22 फरवरी 2024 को श्री नित्यानंद त्रयोदशी मनाया जाएगा।

इस अवसर पर बच्चों ने भजन पेशकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर दिल्ली-एनसीआर से बड़ी संख्या में भक्तगण भाग लेने के लिए पहुंचे। कई भक्त विदेश से भी इस उत्सव में भाग लेने के लिए आए। उत्सव में वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के उपाध्यक्ष भरतर्षभ दास निताई प्रभु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि चैतन्य महाप्रभु ने नित्यानंद प्रभु को अपना सर्वोत्तम भक्त स्वीकार किया है। नित्यानंद महाप्रभु सभी जीवों के लिए गुरुतत्व है। वही अनादि मूल अक्षर ब्रम्ह् है। वह तो हमारे रहने का धाम है। जहां नित्यानंद हैं, वहां हम है। मंदिर से जुड़े भक्तों के अनुसार, चंद्रोदय मंदिर का ब्रांच गुरुग्राम में है, जहां यह उत्सव मनाया गया। नित्यानंद प्रभु चैतन्य महाप्रभु के लिए अभिषेक उत्सव हुआ है। भक्तों ने बताया कि यहां पर पारंपरिक उत्सव मनाया गया है। इस मौके पर वीडियो के माध्यम से श्रद्धालुओं को वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम के निर्माण कार्य को दिखाया गया।

इस अवसर पर प्रभुजी ने बताया कि दिल्ली एनसीआर भारत के समृद्ध क्षेत्रों में माना जाता है और अगर समृद्धि आध्यात्मिक मूल्यों के बिना आती है तो मद्यपान, जुआ, जानवरों के प्रति हिंसा और अनैतिक संबंधों की बढ़ोत्तरी देखी जाती है। ये परिवारों को तोड़ती है और लोगों को दुखी कर देती है। हरे कृष्ण मंदिर गुरुग्राम लोगों को ठाकुरजी श्री श्री राधा-कृष्ण के मनमोहक दर्शन, मधुर हरिनाम संकीर्तन, स्वादिष्ट महाप्रसादम और भगवद् गीता के अदि्तीय आध्यात्मिक ज्ञान के जरिए उनके जीवन को शांतिमय और सुखमय बनाना चाहती है। इससे साइबर सिटी में भी रामराज्य स्थापित होगा। इन उदेश्यों की प्राप्ति के लिए इस मंदिर का जल्द-जल्द निर्माण होना अत्यावश्यक है और साथ ही उन्होंने मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित किया।

गौरतलब है कि भगवान नित्यानंद को निताई, नित्यानंद प्रभु और नित्यानंद राम के नाम से भी जाना जाता है । कलियुग में, भगवान कृष्ण इस भौतिक संसार में भगवान चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित हुए हैं और साथ ही भगवान बलराम, भगवान नित्यानंद प्रभु के रूप में प्रकट हुए हैं। भगवान नित्यानंद ने हरिनाम-संकीर्तन के रूप में भगवान कृष्ण के पवित्र नामों के जाप को फैलाने के लिए भगवान चैतन्य के प्रमुख सहयोगी की भूमिका निभाई। उन्होंने भगवान के पवित्र नामों का सामूहिक जप करके इस युग की सभी पतित और भौतिक रूप से बद्ध आत्माओं को भगवान कृष्ण की दया वितरित की।