कर्मा साहित्य पर्व – “वाणी: द पावर ऑफ वर्ड्स” अभूतपूर्व सफलता के साथ संपन्न

By: Dilip Kumar
1/21/2025 6:28:51 PM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। कर्मा फाउंडेशन द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित साहित्य उत्सव वाणी: द पावर ऑफ वर्ड्स, जो प्रतिष्ठित कंस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित हुआ, ने साहित्य के परिवर्तनकारी सार और इसके प्रेरणादायक प्रभाव को उजागर किया। इस दिनभर चलने वाले कार्यक्रम ने प्रसिद्ध लेखकों, नीति-निर्माताओं, उद्यमियों और सांस्कृतिक प्रतीकों को एक मंच पर लाकर संवाद, रचनात्मकता और चिंतन का अद्भुत वातावरण बनाया। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले मुख्य अतिथि बंसुरी स्वराज, सांसद, और श्री कपिल खन्ना, अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद दिल्ली, के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति, जैसे पद्मश्री शोवना नारायण, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, विनय चौधरी, फाउंडर व चेयरपर्सन, टॉरस ग्रुप, और ध्वनि जैन, कर्मा फाउंडेशन की संस्थापक, शामिल थे।

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ:

पैनल चर्चाएँ: विशेषज्ञों ने "पृष्ठ से क्रियान्वयन: साहित्य कैसे वकालत को प्रेरित करता है", "युवा आवाज़ें, बड़ा प्रभाव", और "डिजिटल युग में लेखन: ब्लॉगिंग, व्लॉगिंग और सोशल मीडिया स्टोरीटेलिंग" जैसे विषयों पर गहन विचार साझा किए।

पैनल में शामिल प्रमुख वक्ता थे: सबसे युवा सांसद पुष्पेंद्र सरोज, राजदूत अमरेंद्र खटुआ (कवि, लेखक, और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव), पद्मश्री शोवना नारायण, प्रताप सोमवंशी (प्रबंध संपादक, हिंदुस्तान हिंदी डेली), मुकुल कुमार (कवि, उपन्यासकार, और सिविल सेवक), प्रो. बिजयलक्ष्मी नंदा (मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल और विख्यात लेखिका), समीर कुमार, मालविका जोशी, अनिल पांडे, डॉ. स्वदेश सिंह, डॉ. रॉसालिन पतसानी मिश्रा, वृंदा खन्ना, डॉ. अमना मिर्जा, असीम खान, शांतनु जोशी, और गुंजा कपूर। कार्यक्रम का संचालन सिंगापुर की आरजे महक अंकर ने किया।

पुस्तक विमोचन:

भारत की पहली बच्चों के लिए कॉफी टेबल बुक: हनुमान चालीसा से प्रेरित यह पुस्तक, तुलिका सिंह द्वारा लिखी गई और अश्वत्था ट्री क्रिएशन्स द्वारा प्रस्तुत की गई।
ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स: थ्योरी एंड केस स्टडीज: डॉ. योगिता शर्मा और डॉ. मोना शर्मा द्वारा रचित यह पुस्तक ई-कॉमर्स में नवीनतम नवाचारों का विश्लेषण करती है।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: कार्यक्रम में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव मनाते हुए मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन हुए।

प्रमुख आकर्षण थे:

देवांश चंद्र (ऑटिज्म वॉरियर और बाल प्रतिभा) का गायन
वेद पाठ, कथक और ओडिशी नृत्य
राजस्थानी और पंजाबी लोक नृत्य
प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. यश गुलाटी (पद्मश्री और बीसी रॉय पुरस्कार विजेता) द्वारा सैक्सोफोन प्रस्तुति।

काव्यमंच: कवियों और कहानीकारों ने अपनी गहन और प्रभावशाली अभिव्यक्तियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। इस सत्र में शामिल प्रमुख नाम थे: पंकज सिंह (जीएसटी आयुक्त), प्रो. चारु कपूर, नित्यनंद तिवारी, दिलदार देहलवी, केतकी नायक, मेघा तिवारी, और डॉ. अमना मिर्ज़ा।

विशेष बातचीत: बंसुरी स्वराज, ध्वनि जैन, और वृंदा खन्ना के बीच "शासन और समावेशन में शब्दों की भूमिका" पर प्रेरणादायक चर्चा।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख अतिथियों में वंदना जैन, हा तातू, बृजेश कुंतल, गीतिका तिवारी, अभिलाषा मिश्रा, शैफाली संगल, डॉ. मनीष चौधरी, और डॉ. अमित चावला शामिल थे।

ध्वनि जैन के विचार: कार्यक्रम के दौरान, कर्मा फाउंडेशन की संस्थापक ध्वनि जैन ने समाज को आकार देने में साहित्य की महत्ता पर बल दिया:
"वाणी केवल शब्दों का उत्सव नहीं है; यह एक आह्वान है। यह हमें याद दिलाती है कि साहित्य में क्रांतियों को प्रेरित करने, विभाजन को पाटने, और आशा जगाने की शक्ति है।" ध्वनि ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, प्रायोजकों और उपस्थित लोगों को वाणी: शब्दों की शक्ति को ऐतिहासिक सफलता बनाने के लिए हृदय से आभार प्रकट किया। यह उत्सव इस गूंजते संदेश के साथ संपन्न हुआ कि जब शब्दों का उपयोग उद्देश्य और निष्ठा से किया जाता है, तो वे दुनिया को बदलने की शक्ति रखते हैं।


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