जिस पदवी पर सेवा निभानी हो, उस पदवी के इतिहास से परिचित होना बहुत जरूरी है – सरना

By: Dilip Kumar
6/30/2025 9:38:38 PM
नई दिल्ली

कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान और अकाली नेता परमजीत सिंह सरना ने कहा कि सचखंड श्री हरमंदिर साहिब जी के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ग्यानी रघुबीर सिंह को दुनियावी अदालत का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जिस पदवी पर सेवा निभा रहे हैं, उस पदवी पर पूर्व में सेवा कर चुकी महान हस्तियों के बलिदानों और तपस्याओं को भी याद रखना चाहिए। सरना ने कहा कि ग्यानी रघुबीर सिंह ने निजी हितों के लिए श्री हरमंदिर साहिब जी के मुख्य ग्रंथी की पदवी को ही दुनियावी अदालत में ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह वही पदवी है जिसके आगे पूरी दुनिया के सिख और गुरु नानक नाम लेवा संगतें सिर झुकाती हैं, और उसे अदालत में खड़ा कर नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। इस कोशिश ने जहां मुख्य ग्रंथी की पदवी को नुकसान पहुँचाया है, वहीं ग्यानी रघुबीर सिंह ने अपनी भी गरिमा को गिरा दिया है। सरना ने कहा कि यह वही पदवी है जहाँ धन-धन बाबा बुद्धा साहिब जी ने सेवाएं निभाईं और भाई मनी सिंह जी ने सेवा करते हुए अंग-अंग कटवाकर शहादत प्राप्त की। उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक व्यक्ति को सम्मान, मर्यादा और सिद्धांतों को तार-तार करने का कोई अधिकार नहीं है।

सरना ने शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से अपील करते हुए कहा कि ग्यानी रघुबीर सिंह द्वारा अदालत में केस करने के चलते सचखंड श्री हरमंदिर साहिब की इस उच्च पदवी को जो ठेस पहुँची है, उस पर तुरंत संज्ञान लिया जाए। सरना ने कहा कि अब जबकि ग्यानी रघुबीर सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है, उन्हें तुरंत धार्मिक सेवाओं से अलग करके सेवा नियमों के अनुसार किसी दफ्तर की सेवा में स्थानांतरित कर देना चाहिए। जिस व्यक्ति ने सिख कौम की दो अहम पदवियों पर सेवा निभाने के बाद भी सम्मान, मर्यादा और सिख सिद्धांतों की समझ नहीं अपनाई, वह संगत के लिए भी गलत मार्गदर्शक साबित हो सकता है।


comments