दिल्ली के द्वारका वन में पक्षी निरीक्षण कार्यक्रम के जरिए नागरिकों ने जताई चिंता
By: Dilip Kumar
5/1/2025 12:50:03 PM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। ग्रीनपीस इंडिया और 'सेव द्वारका फॉरेस्ट' अभियान के संयुक्त नेतृत्व में आज सुबह द्वारका वन क्षेत्र में आयोजित पक्षी निरीक्षण कार्यक्रम में 30 से अधिक नागरिक, पर्यावरण कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी शामिल हुए। यह आयोजन 'दिल्ली राइज़िंग' अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य गर्मी की लहरों और शहरी जैव विविधता पर उनके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना है। द्वारका का यह 120 एकड़ में फैला वन क्षेत्र, सैकड़ों स्थानीय व प्रवासी पक्षियों का घर है। लेकिन यह क्षेत्र वर्तमान में पेड़ों की कटाई, कचरे के अंधाधुंध निपटान और अवैध निर्माण के चलते संकट में है। सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 एकड़ क्षेत्र में निर्माण पर आंशिक रोक लगाई गई थी, फिर भी ज़मीनी स्तर पर उल्लंघन जारी हैं।
पर्यावरणविद् अजय जोशी ने कहा, "आज की यह प्रकृति सैर हमें याद दिलाती है कि हम इस धरती पर अकेले नागरिक नहीं हैं। हमारे साथ कई अन्य जीव भी बसते हैं, जिनका अस्तित्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है। द्वारका वन एक 'नवीन पारिस्थितिकी तंत्र' है जिसे संरक्षित करना पूरे ग्रह के हित में है। गर्मी और जल संकट को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।" अभियान के अगुवा नवीन सोलंकी ने कहा, "कानूनी जीत के बावजूद ज़मीनी हकीकत नहीं बदली। यह जंगल केवल पक्षियों या पेड़ों के लिए नहीं, बल्कि हमारी खुद की ज़िंदगी के लिए ज़रूरी है। प्रकृति की कोई विकल्प नहीं है—हमें इसका सम्मान करना होगा और इसके संरक्षण के लिए खड़ा होना होगा।”
ग्रीनपीस स्वयंसेवक नेता तनुजा ने जोड़ा, "हीटवेव सिर्फ मौसम नहीं, एक मूक आपदा है। द्वारका जैसे वन क्षेत्र प्रदूषण से बचाते हैं, जल स्रोत बनाए रखते हैं और शहरी विकास को संतुलन में लाते हैं।" 'दिल्ली राइज़िंग' अभियान हीटवेव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, हीट एक्शन प्लान को कानूनी आधार देने और जैविक शीतलन उपायों—जैसे वनों और वेटलैंड्स—में निवेश की मांग कर रहा है।