लंदन में बलूचिस्तान को फ्री करने की उठी मांग, बसों पर 'आजाद बलूचिस्तान' के विज्ञापन लगाए गए

By: Dilip Kumar
11/14/2017 11:49:46 PM
नई दिल्ली

आजाद बलूचिस्तान के लिए अभियान चला रहे कार्यकर्ताओं ने लंदन की बसों पर विज्ञापन अभियान का एक नया दौर शुरू किया है. उनका उद्देश्य इस अशांत प्रांत में पाकिस्तान सरकार द्वारा मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के खिलाफ जागरूकता फैलाना है. ‘वर्ल्ड बलूच आर्गेनाइजेशन’ ने कहा है कि ताजा अभियान में लंदन की 100 से अधिक बसों पर ‘आजाद बलूचिस्तान’, ‘बलूच लोगों को बचाओ’ और ‘जबरन लोगों को लापता करना रोको’ - जैसे नारे वाले विज्ञापन देखने को मिलेंगे.

संगठन के प्रवक्ता भवल मंगल ने बताया, ‘‘बलूचिस्तान में पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघन और बलूच लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को लेकर हमारे लंदन अभियान का यह तीसरा चरण है. हमने टैक्सी में विज्ञापनों से शुरूआत की, फिर सड़कों के किनारे बिलबोर्ड लगाए और अब लंदन की बसों पर प्रचार कर रहे हैं.’’ मंगल ने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार ने ‘ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन’ पर इस बात को लेकर दबाव डाला कि वह लंदन परिवहन पर विज्ञापनों पर पाबंदी लगाए, लेकिन उसकी धौंस पट्टी नाकाम रही. उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण विज्ञापन अभियान है.

ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ता पीटर टैशेल ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें रोकने की पाकिस्तान की कोशिश ‘सेंसरशिप’ और ‘ लोकतंत्र विरोधी’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान का सख्त शासन इतना निर्मम है कि यह पत्रकारों, मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं और राहत सहायता एजेंसियों को क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं देगा. गौरतलब है कि बलूच लोगों की दलील है कि वे लोग मूल रूप से और सांस्कृतिक रूप से शेष पाकिस्तान से अलग हैं और बरसों से एक आजाद राष्ट्र के लिए अभियान चला रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान ‘आजाद बलूचिस्तान’ के किसी विचार को संप्रभुता पर हमला बताता है.

बलूचिस्तान ने आजादी के लिए भारत से मांगी मदद

पाकिस्तान के बलूचिस्तान के लोगों ने भारत से सहायता की अपील की है। विश्व बलोच महिला फोरम ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार व सेना की तरफ से बलूचिस्तान के लोगों पर हिंसा व अत्याचार किए जा रहे है। जिस वजह से कई निर्दोष लोग मारे जा चुके है। इसलिए बलोच नरसंहार को रोकने के लिए इन्होंने भारत से मदद की अपील की है। फोरम ने भारत से कहा है कि वो नैतिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए बलूचिस्तान में चल रहे नरसंहार को रोकने में आगे आकर अपनी भूमिका अदा करे।

बलोच शहीद दिवस के अवसर पर एक प्रोफेसर नायला बलोच ने पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे बलूचिस्तान नरसंहार को रोकने के लिए दुनिया भर के साथ ही मुख्य रूप से भारत से मदद की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रांत बलूचिस्तान में लोगों को काफी यातनाओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां के लोगों के साथ बलात्कार, हत्या, मारपीट व अपहरण सहित कई अपराध किए जा रहे है। ये सब पाकिस्तानी सेना व आतंकियों की तरफ से किए जा रहे है। जिस वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। बलूचिस्तान में आतंकवाद भी अपनी जड़े जमा चुका है। यहां के लोग चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर भी विरोध कर रहे है। क्योंकि ये प्रोजेक्ट यहां से भी गुजरेगा।

बलूचिस्तान के लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए बलोच नेता ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की। विश्व बलोच महिला फोरम ने कहा कि भारत उपमहाद्वीप में सभी स्वतंत्र राज्यों का प्रमुख देश माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र से जांच आयोग की मांग की

इस दौरान विभाजन किए लोगों के शिकार होने पर भारत की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह बलूचिस्तान हिंसा के खिलाफ भी आगे आए। जिस प्रकार भारत ने बांग्लादेश की मदद की थी उसी तरह हमारी भी मदद करे। इसके अलावा इस्लामी सहयोग संगठन से भी ब्लूच के लोगों के उत्पीड़न के बारे में बताते हुए मदद की अपील की।

 


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