नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में प्रोफ़ेसर एस एस डोगरा की पांचवी पुस्तक का लोकार्पण
By: Dilip Kumar
2/24/2024 8:13:14 PM
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। त्रिभुवन विश्वविधालय- पोखरा परिसर पृथ्वी नारायण कैम्पस गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान - कुलपति डॉ पदम राज ढकाल ने नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के पंचम संस्करण के संयोजक डॉ बलराम उपाध्याय रेग्मी तथा क्रांतिधरा साहित्य अकादमी(भारत) संस्थापक डॉ विजय पंडित संग प्रोफ़ेसर एस.एस.डोगरा
की पांचवी पुस्तक वाओ (वर्ड्स ऑफ विजडम) का लोकार्पण किया ! इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र गुरागाईं, शिव त्रिपाठी, चन्द्र प्रसाद न्योपने, ऋषभ देव घिमिरे, प्रो. कुसुमाकर न्योपाने, पूर्व विभाध्यक्ष- नेपाली भाषा विभाग, डॉ ममता पंत, माधव वियोगी, राजेंद्र के. सी., डॉ षढानन्द पौडयाल, बिसु कुमार, डॉ रविन्द्र, दुर्गा बहादुर शाह 'बाबा ' सहित नेपाल तथा भारत के 400 से अधिक वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा सौ से अधिक विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। समस्त महोत्सव का मंच संचालन पौडेल विमुन्स ने किया।
प्रोफेसर एस.एस.डोगरा की पुस्तक के साथ साथ कादम्बिनी, शीतकोराप, ज्योतिष जागरण डॉ बलराम के व्यक्तित्व-कृतत्व अध्ययन,सौषार्थ, अंतर्दृष्टि कहानी संग्रहण का भी विमोचन हुआ। इसके उपरांत, प्रो. डोगरा ने मेज़बान कालेज के लॉ और विज्ञान के लगभग पचास विद्यार्थियों की मीडिया वर्कशॉप भी आयोजित की! जिसमें प्रो. डोगरा ने कॉलेज पढ़ाई के दौरान मीडिया में मातृभाषा, अंग्रेज़ी भाषा और कम्युनिकेशन स्किल विकसित करने की उपयोगिता तथा महत्व्वता पर प्रकाश डाला। उक्त मीडिया वर्कशॉप में शामिल सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र तथा प्रतीक चिन्ह से सम्मानित भी किया गया।
गौरतलब है कि प्रो. डोगरा ने मीडिया जगत में अपनी लेखनी से देश-विदेशों में विशेष मुकाम हासिल किया है। साथ ही लेखन क्षेत्र में भी, मीडिया कैन डू वंडर्स इन स्टूडेंट्स लाईफ, मीडिया एक कदम आगे, मेरे हमसफ़र, रांडेव्यू (इन एंड ऑफ द फील्ड्स) जैसी चार किताबें लिखने के बाद उनकी पांचवीं पुस्तक "वाॅओव" में अपने जीवन-अनुभवों पर आधारित व्यवाहारिक-प्रेरक विचारों को परोसा है। पुस्तक, विशेषतौर पर युवा पीढ़ी को सफल जीवन बनाने में बेहद उपयोगी साबित होगी।