MOVIE REVIEW: उम्मीदों का सिनेमाई बायोस्कोप है 'होप और हम'

By: Dilip Kumar
5/19/2018 9:49:31 AM
नई दिल्ली

उम्मीदों के रैपर में लिपटी एक नाजुक सी, मीठी सी फिल्म है ‘होप और हम’। इतनी नाजुक कि छू लो तो बिखर जाए। फिल्म में ऐसी कई छोटी-छोटी बातें हैं जो दिल में घर कर जाती हैं। यह बहुत सहज उदाहरणों के जरिये उम्मीदों का दामन थामे रहने की बात करती है। फिल्म के किरदारों से सहज ही जुड़ाव होता है।फिल्म मुम्बई में रहने वाले एक साधारण से परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके सदस्य हैं नागेश श्रीवास्तव (नसीरुद्दीन शाह), उनका बड़ा बेटा नीरज (आमिर बशीर), बहू अदिति (सोनाली कुलकर्णी), छोटा बेटा नितिन (नवीन कस्तूरिया) अदिति की बेटी तनु (वीर्ति वघानी) और बेटा अनुराग (कबीर साजिद)। इस परिवार के तीन अलग-अलग पीढ़ियों के सदस्यों- नागेश, नितिन और अनुराग की उम्मीदों और संघर्ष के तानेबाने से बुनी गई है यह फिल्म।

नागेश, घर के एक बड़े कमरे में एक बड़ी जर्मन फोटोकॉपी मशीन की मदद से एक दुकान चलाते हैं। इस मशीन से नागेश को इतना लगाव है कि वह इससे एक इंसान के तौर पर बातें करते हैं। यह पुरानी मशीन है तो म्यूजियम में रखने लायक, लेकिन नागेश को अब भी उम्मीद है कि उसके पाट्र्स कहीं न कहीं जरूर मिल जाएंगे जिससे वह पहले की तरह दुरुस्त हो जाएगी। एक रोज नवीन का मोबाइल फोन खो जाता है। कई बार कॉल करने के बाद वह रिसीव होता है। नवीन को पता लगता है कि वह किसी लड़की के पास है। नवीन की उस अंजान लड़की से दोस्ती हो जाती है।

क्रिकेट का शौकीन अनुराग अपने पापा के साथ नानी के घर जाता है, जो कि एक पुरानी हवेली है। यहां अनुराग के साथ कुछ ऐसा होता है कि वह दहशत में आ जाता है। क्या वह इस डर से उबर पाएगा? अब बात एक्टिंग की। नसीरुद्दीन शाह ने हमेशा की तरह जबर्दस्त अभिनय किया है, हालांकि उनका किरदार और प्रभावी बनाया जा सकता था। उनकी प्रतिभा का और बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता था। एक दृश्य में नागेश का बड़ा बेटा नीरज अपने पिता से बातें करते हुए कहता है कि उसके पिता कोई फोटोकॉपी दुकानदार नहीं, बल्कि एक आर्टिस्ट हैं। जिन्होंने अपने शुरुआती दिनों में पैसा न होने पर अपने बेटे के दोस्त की किताब की फोटोकॉपी कर अपने बेटे के लिए एक किताब तैयार कर दी थी। क्योंकि उनके पास नई किताब खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। यह दृश्य काफी प्रभावी है। बाल कलाकार कबीर साजिद एक्टिंग के मामले में नसीरुद्दीन को टक्कर देते नजर आते हैं। उनके मासूम और भावपूर्ण चेहरे से नजर हटाने का दिल नहीं करता। याद दिलाते चलें कि कबीर को हम इससे पहले फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में जायरा वसीम के छोटे भाई के किरदार में देख चुके हैं। फिल्म में तीन गीत हैं, जो इसकी गति के हिसाब से एकदम मुफीद हैं।

 


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