कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियां अपनी बोतलों को ग्राहक से खरीदेंगी

By: Dilip Kumar
7/23/2018 6:00:41 PM
नई दिल्ली

कोल्ड ड्रिंक और पानी की खाली बोतल फेंकने से आपको नुकसान हो सकता है. लेकिन, अगर आप इन्हें संभालकर रखें और कंपनियों को वापस करें तो आप अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं. दरअसल, कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वाटर बनाने वाली कंपनियां अब अपनी प्लास्टिक बोतल को वापस लेने का बायबैक प्लान लेकर आई हैं. इस प्लान के तहत कंपनियां ग्राहकों से सीधे प्लास्टिक बोतल खरीदेंगी. पेप्सीको, कोका कोला और बिस्लरी जैसी टॉप कोल्ड ड्रिंक्स कंपनियां अब अपनी प्लास्टिक की बोतलों को ग्राहक से खरीदेंगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों ने अपने बायबैक प्लान के हिसाब से काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए नई मैन्युफैक्चरिंग के दौरान प्लास्टिक की बोतलों पर बायबैक वैल्यू भी लिखना शुरू कर दी हैं. अब जब मार्केट में ऐसी बोतलें आपको मिलेंगी तो उन पर बायबैक की कीमत लिखी होगी. हालांकि, कंपनी ने यह साफ नहीं किया है कि कितने लीटर की बोतल पर कितना बायबैक होगा.
पेप्सीको, कोका कोला और बिसलरी जैसी कंपनियों ने यह फैसला महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले पर बाद लिया है, जिसमें प्लास्टिको को बैन किया गया है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है. ऐसे में कंपनियों को अपना मार्केट बचाने के लिए नया प्लान राज्य सरकार को सौंप दिया है.

इकॉनमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, सरकार ने कंपनियों को बोतलों की बायबैक वैल्यू तय करने को लेकर अपनी ओर से छूट दी है लेकिन ज्यादातर कंपनियों ने एक बोतल की कीमत 15 रुपए तक तय की है. हालांकि, इंडस्ट्री के ही कुछ अधिकारियों का कहना है कि बायबैक सिस्टम फुलप्रूफ नहीं है और इससे और जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.

बिस्लरी के चेयरमैन रमेश चौहान के मुताबिक, प्लास्टिक को रीसाइकिल करने की व्यवस्था पहले से ही है. अब हमें जरूरत इस बात की है कि इसे ज्यादा प्रभावी और संबंधित पक्षों के लिए लाभदायी बनाने की है.' पेप्सी के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अब अपनी प्लास्टिक बोतलों की रीसाइकल वैल्यू 15 रुपए तय की है.

महाराष्ट्र में बिकने वाली बोतलों पर यह बायबैक वैल्यू लिखी जा रही है. पेप्सी के प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी जेम एन्वायरो के साथ मिलकर काम कर रही है. यह कंपनी रिवर्स वेंडिंग मशीनें सेट करेगी, कलेक्शन पॉइंट्स बनाएगी. राज्य में बायबैक प्रोग्राम को आगे बढ़ाने के लिए यह प्रयास किए जाएंगे और राज्य में कई जगहों पर बोतलों के कलेक्शन के लिए सेंटर बनेंगे.


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