27 जुलाई को सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण

By: Dilip Kumar
7/25/2018 7:14:53 PM
नई दिल्ली

शनिवार यानी 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण पड़ने जा रहा है। 27 और 28 जुलाई की मध्यरात्रि में लगनेवाले चंद्रग्रहण में करीब 1 घंटे 43 मिनट का खग्रास रहेगा। ग्रहण की शुरुआत 27 जुलाई की मध्यरात्रि में 11 बजकर 54 मिनट पर होगा। इसका मोक्षकाल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर होगा। अब तक सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण 1700 साल पहले पड़ा था।  पुजारी राकेश ने बताया कि गुरु पूर्णिमावाले दिन लगनेवाले चंद्रग्रहण पर जप, तप दान का विशेष महत्व है। मंदिर बाबा कांशीगिरि के पुरोहित एवं ज्योतिषाचार्य पंडित पवन कौशिक ने बताया कि 27 को गुरु पूर्णिमा पर सूतक लगने से पहले गुरु पूजन, गुरु दान दक्षिणा इत्यादि संपन्न कर लेने चाहिए। दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से पहले मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। श्रद्धालु सूतक लगने से पहले देवी-देवताओं के दर्शन करें और घर एवं मंदिरों में किसी भी देवी देवता की मूर्ति को स्पर्श न करें।

ज्योतिषाचार्य पवन कौशिक ने बताया कि मंदिरों के पट बंद करने के पीछे भी मुख्य उद्देश्य यही है क्योंकि जनमानस में नियमित मंदिर जाने को लेकर एक प्रकार का नियम व श्रद्धा का भाव होता है। जिन श्रद्धालुओं का नियमित मंदिर जाने का नियम है उन्हें ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

2018 में यह दूसरा मौका होगा जब ग्रहण के समय ब्लड मून दिखेगा। ब्लड मून इसके रंग की वजह से कहा जाता है। चंद्रग्रहण के समय जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी आती है, तो सूरज की रोशनी रुक जाती है। पृथ्वी के वातावरण की वजह से रोशनी मुड़कर चांद पर पड़ती है और इस वजह से यह लाल नजर आएगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस समय चांद बेहद खूबसूरत दिखनेवाला है। इसे देखने के लिए इस बार टेलीस्कोप की जरूरत नहीं, लेकिन अगर टेलीस्कोप से देख लें, तो आपको चांद और भी खूबसूरत और निराला नजर आएगा। बस एक बात का ही डर है कि मौसम न बिगड़े। करीब 150 साल बाद चंद्रमा अपने उस रूप में फिर से दिखाई देगा जैसा 27 जुलाई की रात में दिखाई देनेवाला है।

यह चंद्रग्रहण देश के सभी हिस्सों से दिखेगा साथ ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोपीय देशों व अंर्टाकटिका में भी यह खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा। गुरु पूर्णिमा को चंद्रग्रहण होने के कारण आपको गुरु पूजन सूतक लगने से पहले ही करना चाहिए। क्योंकि ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लगेगा इसलिए बेहतर होगा कि आप दोपहर ढाई बजे तक गुरु पूजन और मंदिर दर्शन कर लें। दोपहर बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे।

 


comments