आर्यिका श्री 105 सरस्वती भूषण माता जी ससंघ का हुआ भव्य मंगल प्रवेश

By: Dilip Kumar
7/25/2018 9:34:35 PM
नई दिल्ली

गुरूग्राम@ आचार्य श्री 108 विद्याभूषण सन्मतिसागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका श्री 105 सरस्वती भूषण माता जी, क्षुल्लिका श्री 105 शान्तिभूषण माता जी एवं संघस्थ ब्रह्यचारिणी प्रियंका दीदी ससंघ का 2018 चातुर्मास के लिये जैकमपुरा स्थित श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आज भव्य मंगल प्रवेश हुआ। सरस्वती भूषण माता जी ने गुरुग्राम शब्द की व्याख्या करते हुये कहा कि गुरुग्राम गुरुओ का ही नगर है तभी 32 चातुर्मास यहां सम्पन्न हुये है। प्रातः जैन समुदाय के भक्तों ने महावीर पार्क जैन मंदिर में पहुँचकर माता जी का आर्शीवाद लिया और माता जी का बैंड-बाजों के साथ नाचतें गाते हुये महावीर पार्क जैन मंदिर से जैकमपुरा स्थित श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रवेश किया गया।

अपने मंगल वचनों में भक्तों के बारे में माता जी ने कहा कि भक्त दो प्रकार के होते है, सागर और सरोवर अर्थात् सागर में कमल नही खिलतें परन्तु उसके अन्तर तल में रत्नों का खजाना छिपा रहता है, सरोवर में कमल खिलते है परन्तु उस का तल कीचड़ से भरा होता है। समर्पित भक्त सागर की तरह सदैव भक्ति लहरों में लहराते रहते है, और कभी-कभी अन्तर में गोता लगाकर वह रत्नत्रय के रत्नों को भी प्राप्त कर लेते है किन्तु सरोवर की भांति जो भक्त भक्ति के कमल तो खिलाते है किन्तु अतरंग में पंथ, पक्ष या सन्त आदि का कीचड़ भी समाहित किये रहते है। हम अनयाई भक्त नही किंतु समर्पित सागर की तरह भक्त बने तभी भक्ति का सुखद आनंद आ सकेगा।

इस अवसर पर मन्दिर के प्रधान पुष्पचंद जैन, उपप्रधान विपिन जैन, महामंत्री गोरधन सिंह जैन, मंत्री मनीष जैन, कोषाध्यक्ष सुनील जैन एवं समस्त गणमान्य व्यक्ति, महिलायें आदि शामिल हुये।


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