सरकार ने सोमवार को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विलय की एक बड़ी घोषणा की. इसके तहत विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का विलय होगा और इससे देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि बैंकिग क्षेत्र में सुधार की जरूरत है और सरकार बैंकों की पूंजी की जरूरतों का ध्यान रख रही है. कुमार ने कहा कि बैंकों के विदेशों में परिचालन को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐेसे कदम उठाने को लेकर गंभीर है ताकि जहां तक एनपीए (फंसे कर्ज) का सवाल है, इतिहास खुद को नहीं दोहराए.
कर्ज देने की ताकत बढ़ेगी
यह फैसला बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी पांच अनुषंगी इकाइयों का खुद में विलय किया था. साथ ही महिलाओं के लिये गठित भारतीय महिला बैंक को भी मिलाया था. योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इससे बैंक मजबूत और मजबूत होंगे और उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. विलय के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा बैंकों की कर्ज देने की स्थिति कमजोर होने से कंपनियों का निवेश प्रभावित हो रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में है और इसका कारण अत्यधिक कर्ज और फंसे कर्ज (एनपीए) में बढ़ोतरी है.
बैंक कर्मचारियों पर असर नहीं
उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी. एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. सरकार की 21 बैंकों में बहुलांश हिस्सेदारी है. इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है.
हालांकि इसके साथ इन सार्वजनिक बैंकों का फंसे कर्ज में भी बड़ी हिस्सेदारी है. इस डूबे कर्ज के कारण क्षेत्र प्रभावित है और वैश्विक बासेल-तीन पूंजी नियमों के अनुपालन के लिये अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए. वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे. ‘इस विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी.
उन्होंने कहा कि विलय के बाद अस्तितव में आने वाला बैंक तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा पैमाने की मितव्ययिता के साथ मजबूत प्रतिस्पर्धी होगा. कुमार ने कहा कि नेटवर्क, कम-लागत जमा और अनुषंगी इकाइयों के मामले में बेहतर तालमेल होगा. उन्होंने कहा कि कर्मचारियो के हितों और ब्रांड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा. कुमार ने कहा कि देना बैंक, विजया बैंक और बैंक आफ बड़ौदा के पूंजी समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा. तीनों बैंक विलय के बाद स्वतंत्र रूप से काम करते रहेंगे.
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