भारतीय नागरिकों को पैदल नेपाल प्रवेश के नियम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

By: Dilip Kumar
12/20/2018 9:27:16 PM
नई दिल्ली

काठमांडू@रौशन कुमार। नेपाल रक्सौल बीरगंज बॉर्डर पर नेपाली कस्टम ने भारत से नेपाल प्रवेश करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए निश्चित सीमा से पैदल बीरगंज घुसने का निर्देश जारी किया। बीरगंज नेपाल बॉर्डर पर जैसे हैं इसकी सूचना आई वहां जांच में नेपाली सेना, पुलिस के जवान सक्रिय हुए। भारत से नेपाल जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी इसकी सूचना नागरिकों ने मीडिया फॉर बॉर्डर हारमोनी के संरक्षक संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के सांसद प्रदीप यादव को दी।

एक्शन में आए सांसद ने तुरंत भंसार के प्रमुख से बातचीत किया। सांसद के विरोध के बाद संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के बीरगंज नगर प्रमुख ईश्वर यादव के नेतृत्व में नेपाली कस्टम कार्यालय के आगे जम कर विरोध -प्रदर्शन किया गया। जिसमें सैकड़ो लोगों ने भाग लिया। उनकी पार्टी समाजवादी फोरम के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए । जमकर विरोध हुआ। बीरगंज भंसार पर घंटों जाम प्रदर्शन, नारेबाजी शुरू हुई ।

इधर सांसद प्रदीप यादव ने नेपाल के अधिकारियों को धमकाया कि भारत और नेपाल के बीच हमारा बेटी रोटी संबंध है और इस तरह के कानून से दोनों देशों के रिश्ते पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसलिए तत्काल यह आदेश वापस लिया जाए । सांसद के कड़े तेवर व विरोध को देखते हुए तुरंत आदेश वापस हुआ। आदेश वापस होने का नेपाल के साथ भारत के नागरिकों ने जबरदस्त स्वागत किया है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक इसमे विकलांग,वृद्ध व निःशक्त जनो को छूट दी गई।मतलब यह हुआ कि अब भारतीय नागरिक वाहन पर सीधे नेपाल नही घुस सकेंगे।

भारत विरोध का एजेंडा

अभी हाल ही में नेपाल सरकार ने एक पक्षीय फैसले में 200,500,1000 और 2000 के नोट पर प्रतिबन्ध लगा दिया।यह मामला अभी थमा नही कि एक बार फिर इस एजेंडा के तहत बॉर्डर पर पैदल घुसने का फरमान जारी कर दिया गया। यह फरमान भारत -नेपाल सन्धि व जन भावना के विपरीत है।

क्या है फरमान

नेपाल सीमा पर स्थित नेपाली भंसार (कस्टम) के नये नियम में भारतीय नागरिकों को निर्देशित किया गया कि वाहन की बजाए वे पैदल नेपाल के बीरगंज में प्रवेश करें।केवल वृद्ध, विकलांग व निःशक्त को छूट मिलेगी। इस सूचना के सार्वजनिक होते ही विरोध शुरू हो गया।जिसके बाद इस फैसले पर तत्काल प्रभाव से फिलहाल रोक लगा दिया गया। जबकि कस्टम कार्यालय प्रमुख श्याम प्रसाद भंडारी द्वारा कहा गया कि यह सीमा व्यवस्थापन नीति का हिस्सा है।

भारत नेपाल मैत्री पर काम करने वाले वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने कहा कि भारत और नेपाल की सरकारों को आम जनता की सुविधा का ख्याल रखना होगा। भारत और नेपाल के बीच नागरिक संबंध में कोई ऐसा नियम ना बनाएं जिससे लोगों को विरोध करना पड़ेगा। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मांग किया कि वह वहां पर कुछ भारतीय नोटों को प्रचलन पर रोक लगा है वह हटाये। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेपाल के प्रधानमंत्री से दोनों देशों के बीच मोबाइल कॉल रेट सस्ता करने की मांग की है।


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