नोटबंदी के 2 साल : जेटली बोले-इससे अर्थव्यवस्था मजबूत हुई

By: Dilip Kumar
11/8/2018 8:08:51 PM
नई दिल्ली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह कदम अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार के अहम फैसलों में से एक है। नोटबंदी का मकसद करंसी जब्त करना नहीं था बल्कि टैक्स वसूली था। नोटबंदी के बाद टैक्स चोरी करना मुश्किल हो गया। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला गलत था। इसने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज को हिलाकर रख दिया। मनमोहन ने यह भी कहा कि नोटबंदी का देश के हर व्यक्ति पर प्रभाव पड़ा। कोई भी उम्र उम्र, जाति, व्यवसाय करने वाला इससे अछूता नहीं रहा।

पूर्व प्रधानमंत्री के मुताबिक- अक्सर कहा जाता है कि समय सबसे बड़ा मरहम है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वक्त बीतने के बाद भी नोटबंदी के घाव और निशान ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था।
जेटली ने कहा कि सरकार के निशाने पर देश के बाहर जमा कालाधन था। संपत्तिधारकों से कहा गया कि वे टैक्स चुकाकर इस पैसे को देश में ले आएं। जो लोग ऐसा करने में नाकाम रहे, उन पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत कार्रवाई का जा रही है। देश के बाहर स्थित सभी खातों और संपत्तियों की जानकारी सरकार के पास है।

जेटली ने कहा कि नोटबंदी ने लोगों को बैंकों में नकदी जमा करने के लिए मजबूर किया। इसके परिणामस्वरूप 17.42 लाख संदिग्ध खाताधारकों की पहचान की गई। बैंकों में बड़ी संख्या में पैसा जमा होने से उनकी कर्ज देने की क्षमता में इजाफा हुआ। इस पैसे को निवेश के लिहाज से म्यूचुअल फंड में डाला गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मोदी के वित्तीय घोटालों की सूची काफी लंबी है। नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक गहरा घाव दिया। फैसले के दो साल बाद भी यह रहस्य ही बना हुआ है कि देश को ऐसी आपदा में क्यों धकेला गया?''


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