आंध्र के स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत निजी नौकरियां में आरक्षण

By: Dilip Kumar
7/23/2019 2:56:05 PM
नई दिल्ली

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के निवासियों को बड़ी सौगात दी है। जिसका उन्हें काफी फायदा मिलेगा। दरअसल, आंध्र प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने स्थानीय नागरिकों के लिए सभी निजी औद्योगिक इकाइयां और कारखानों में 75 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित कर दिया है। यदि इन कंपनियों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है तो भी उसपर यह नियम लागू होगा। सोमवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा ने आंध्रप्रदेश उद्योग तथा कारखानों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने का अधिनियम 2019 को पास कर दिया। इस अधिनियम के तहत सभी श्रेणियों की निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो गई हैं। जिसमें कारखाने, संयुक्त उद्यम और साथ ही ऐसी परियोजनाएं जो सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड भी शामिल है।

बहुत से राज्य काफी समय से निजी नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी इसे अभी तक लागू नहीं किया है। मध्यप्रदेश ने 9 जुलाई को कहा था कि वह एक नियम लाएगा जिसके तहत 70 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रहेंगी। पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औद्योगिक नीति की घोषणा की थी। जिसके तहत सरकार से वित्तिय या अन्य सहायता लेने वाली निजी कंपनियों को 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी देनी होगी। यह मांग कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में भी उठाई गई है।

आंध्र प्रदेश के नए नियम में कहा गया है कि यदि आवश्यक कौशल वाले स्थानीय लोग उपलब्ध नहीं हैं तो कंपनियों को पहले उन्हें राज्य सरकार के प्राधिकरण के साथ मिलकर उन्हें प्रशिक्षण देना होगा और उसके बाद उन्हें नौकरी पर रखना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कंपनियां यह बहाना नहीं दे पाएंगी कि उन्हें कौशल मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं।


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