देवशयनी एकादशी से होगी चौमासा की शुरुआत

By: Dilip Kumar
7/11/2019 5:10:52 PM
नई दिल्ली

देवशयनी एकादशी इस बार 12 जुलाई, शुक्रवार को है. इसे एकादशी के साथ ही चार्तुमास या चौमासा भी आरंभ हो जाएगा. हिंदू धर्म के अनुसार इन चार महीनों में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवता पूरे चार महीने के लिए निद्रा में चले जाते हैं. जिस वजह से शुभ कार्यों पर चार महीने के लिए विराम लग जाता है. चार माह बाद आने वाली देवोत्थान एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू होते हैं.

मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी की रात्रि से भगवान विष्‍णु का शयनकाल आरंभ हो जाता है. जिसे चातुर्मास या चौमासा का प्रारंभ होना भी कहते हैं. देवशयनी एकादशी से सूर्य दक्षिणायण हो जाते हैं ऐसे में मुंडन, उपनयन संस्कार, भवन निर्माण, गृह प्रवेश और वैवाहिक संस्कार नहीं होते. देव शयन के दौरान केवल देवी-देवताओं की आराधना, तपस्या, हवन-पूजन आदि कार्य होते हैं. इस दौरान धार्मिक आयोजन, कथा, हवन, अनुष्ठान आदि करने का विशेष महत्व होता है.

शास्‍त्रों के अनुसार, सृष्टि के पालनकर्ता कहे जाने वाले भगवान विष्णु के शयनकाल में चले जाने के पश्चात चार माह की अवधि में सृष्टि संचालन का जिम्मा शिव परिवार पर रहता है. इस दौरान पवित्र श्रावण मास आता है जिसमें एक माह तक भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इसके पश्चात गणेश चतुर्थी व्रत होता है. गणपति की स्थापना कर उनका पूजन किया जाता है तथा उसके पश्चात देवी दुर्गा की आराधना के नौ दिन शारदीय नवरात्रि आते हैं.

 


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