उर्दू भाषा के 631 और पंजाबी भाषा के 716 पदों पर नियुक्तियां

By: Dilip Kumar
7/15/2019 8:21:00 PM
नई दिल्ली

दिल्ली के स्कूलों में उर्दू पढऩे वाले बच्चों की तादाद तकरीबन 95700 है। लेकिन इन सभी छात्रों को स्कूलों में उर्दू पढऩे के लिए शिक्षक मयस्सर नहीं हैं। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की सलाहकार समिति के सदस्य मंजर अली खान को मिले आरटीआई (RTI) के जबाव पर उनका कहना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टीजीटी उर्दू के 1029 पद स्वीकृत हैं लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 57 स्थायी शिक्षक नियुक्त हैं।

इसके अलावा 303 अतिथि शिक्षक उर्दू पढ़ाने के लिए रखे गए हैं। स्कूलों में 38 अध्यापक उर्दू अकादमी के लगाए गए हैं। इस तरह सिर्फ 398 अध्यापक ही उर्दू के लिए हैं। बाकी बचे 631 पद उर्दू अध्यापक के खाली है। जिन्हें सरकार द्वारा जल्द भरा जाना चाहिए। मंजर अली खान बताते हैं कि पंजाबी भाषा की तो दिल्ली सरकार के स्कूलों में स्थिति और खराब है टीजीटी पंजाबी  के लिए स्वीकृत 1024 पदों में 716 पद खाली हैं। अगर कक्षा 6 से कक्षा 10 तक पंजाबी पढ़ने वाले बच्चों की बात की जाए तो इनकी संख्या तकरीबन 30 हजार 844 है।
पंजाबी भाषा पढ़ानें के लिए 122 अतिथि शिक्षक को किया नियुक्त

जिन पर सिर्फ 111 नियमित अध्यापक रखे गए हैं। सरकारी स्कूलों में पंजाबी भाषा पढ़ाने के लिए 122 अतिथि शिक्षक रखे गए हैं और पंजाबी अकादमी की ओर से 75 पंजाबी भाषा के शिक्षकों को रखा गया है। बाकी बचे 716 पद खाली हैं। मामले में उप मुख्यमंत्री ने शिक्षा निदेशक से स्कूलों में शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है जिस फैसले का मंजर अली स्वागत करते हैं।

उन्होंने सरकार से उर्दू, पंजाबी और संस्कृत के खाली पदों पर जल्द शिक्षकों के नियुक्ति की मांग दिल्ली सरकार  के शिक्षा विभाग से की है। इसके अलावा जिन स्कूलों में पंजाबी भाषा  और उर्दू भाषा विषय हैं लेकिन उनकी पढ़ाई वहां नहीं होती ऐसे स्कूलों में इन भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने की भी मांग मंजर अली सरकार से करते हैं।

स्कूलों में खाली शिक्षकों के पदों पर उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) जब पूरे बजट का 25 फीसद हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में आवंटित कर रही है फिर भी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली-कक्षाओं में शिक्षकों की कमी होना गंभीर बात है।


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