स्पेशल ट्रेन से कैसे घर जाएं घर? जानें हर बात

By: Dilip Kumar
5/2/2020 11:59:58 PM
नई दिल्ली

लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों, छात्रों और पर्यटकों के लिए शुक्रवार से चलाई गई विशेष ट्रेनों में सफर करने के लिए किसी को टिकट जारी नहीं किया जाएगा। लोगों को ले जाने का किराया संबंधित राज्य सरकारों से लिया जाएगा। किराया स्लीपर क्लास का होगा और भोजन और पानी के लिए क्रमश: 30 व 20 रुपए प्रति व्यक्ति अलग से लिए जाएंगे।
रेलवे के कार्यकारी निदेशक मीडिया, आरडी बाजपेयी ने बताया कि इन ट्रेनों में उन्हीं यात्रियों को सफर की अनुमति होगी जिन्हें राज्य सरकारें नामित करेंगी। इनके अलावा किसी व्यक्ति विशेष या समूह को न तो टिकट जारी किया जाएगा न ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी।

प्रवासी कामगारों के अपने स्टेशन पर पहुंचने पर स्वजनों को इन्हें ले जाने की अनुमति नहीं होगी। राज्य सरकार इनकी जांच के बाद इन्हें बसों से घर पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। मालूम हो कि कोरोना लॉकडाउन के चलते डेढ़ महीने से विभिन्न राज्यों मे फंसे प्रवासी कामगारों, छात्रों, पर्यटकों को निकालने के लिए रेलवे ने शुक्रवार को स्पेशल ट्रेनों को हरी झंडी दिखा दी। पहली ट्रेन शुक्रवार सुबह हैदराबाद से झारखंड के हटिया स्टेशन के लिए चली। उसके बाद झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा के लिए अतिरिक्त पांच ट्रेनें चलीं। गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी। वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी। राष्ट्र के सामने मौजूद संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी साथी भारतवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी का समर्थन और सहयोग चाहते हैं।

केवल स्वस्थ व्यक्ति को मिलेगी यात्रा की अनुमति

रेलवे और राज्य सरकारें इन विशेष ट्रेनों के समन्वय और सुचारू संचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी। इन ट्रेनों में सवार होने से पहले आवागमन करने वाले यात्रियों की राज्यों द्वारा जांच करना जरुरी होगा। केवल स्वस्थ पाए जाने वालों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के समूह बनाने के बाद ही रेल यात्रा का मौका दिया जाएगा।
यात्रा के दौरान इन नियमों का करना होगा पालन

यह भी शर्ते तय की गई हैं कि प्रत्येक यात्री को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। ऐसे यात्रियों को मूल स्टेशन पर भेजने वाले राज्यों द्वारा भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। रेलवे लंबे रेल मार्ग की यात्रा के दौरान ही केवल एक भोजन प्रदान करेगा। जबकि गंतव्य पर पहुंचने पर उनके भोजन एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

हर कोच में 54 सीटें, पहले दिन चली छह स्पेशल ट्रेन

इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में लगाए गए कोच के भीतर 72 सीटों की जगह केवल 54 सीटों का प्रावधान किया गया है ताकि लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर बैठे। जिन प्रमुख रूटों पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का फ़ैसला किया गया है, उसमें लिंगमपल्ली से हटिया, आलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से लखनऊ, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया प्रमुख है।

बिहार, यूपी और झारखंड जाने वाले प्रवासी मजदूर-छात्र ध्यान दें

रेल मंत्रालय देश भर में विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं। रेल मंत्रालय ने टिकटों की बिक्री; रेलवे स्टेशनों एवं रेल प्लेटफॉर्मों पर तथा ट्रेनों में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर अमल के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया। 17 मई तक सभी मेल/एक्सप्रेस/सबर्बन आदि यात्री गाडिय़ां निरस्त हैं। विभिन्न स्थानों पर रुके श्रमिकों,स्टुडेंट,श्रद्धालुओं आदि के लिए विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों के अनुरोध पर, केवल उनके द्वारा रजिस्टर/नामित लोगों के लिए ही प्लान होंगी।अत: राज्य सरकारों के नोडल अधिकारी से संपर्क करें।

रेलवे ने दिए ये निर्देश

पश्चिम रेलवे की ओर से किये गये एक ट्वीट में कहा गया है कि सभी लोग स्टेशन ना आए। सिर्फ वही लोग आएं जो लोग रजिस्टर्ड है और जिन्हें उनके राज्य सरकार से अनुमति मिली है। पश्चिम रेलवे की ओर से किये गये ट्वीट में कहा गया है कि कृपया ध्यान दें -विशेष ट्रेनें राज्य सरकारों द्वारा रजिस्टर्ड तथा नामित व्यक्तियों के लिए ही प्लान की जा रही हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी कारण से रेलवे स्टेशनों पर नहीं आए। किसी को भी व्यक्तिगत रूप से रेल टिकट नहीं दिए जाएंगे और ना ही कोई व्यक्तिगत अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। रेलवे ने साफ किया है कि स्टेशन पर किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं बेचा जाएगा। इसलिए टिकट खरीदकर यात्रा करने की मंशा से लोगों को स्टेशन पर नहीं जाना चाहिए।

बिना मुंह पर मास्क लगाए आप यात्रा नहीं कर सकेंगे

मानक प्रोटोकॉल्स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी रिसीव करने वाली संबंधित दोनों राज्य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडिय़ां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी। यात्रियों को भेजने वाले राज्यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा। आपको मास्क अपने साथ हमेशा रखना होगा। यानी बिना मुंह पर मास्क लगाए आप यात्रा नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा, आपको ट्रेन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं

यहां ध्यान देने वाली बात है कि स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 महामारी के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देशभर में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का किराया रेलवे राज्य सरकारों से वसूलेगा। जिस ट्रेन से प्रवासी मजदूरों को भेजा जाएगा उसे श्रमिक स्पेशल नाम दिया गया है। इसमें सफर करने के किराए में स्लीपर क्लास के टिकट मूल्य, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपये भोजन-पानी के शामिल होंगे। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं, उनके खर्च का वहन राज्य सरकारें करेंगी।

घर भजेने से पहले होगी स्क्रीनिंग

अगर आप ट्रेन में बैठ जाते हैं और सफर शुरू हो जाता है तो बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। जब आप अपने गंतव्य स्टेशन पहुंच जाएंगे तो फिर वहां भी आपकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर किसी तरह के लक्षण नहीं मिलते हैं तो यात्रियों को सीधा घर भेजा जाएगा, जहां उन्हें 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा करना होगा। वहीं अगर किसी तरह की गड़बड़ी दिखी तो अस्पताल भेजा जाएगा।

 


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