मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की आपत्ति पर 18 को होगी फिर सुनवाई

By: Dilip Kumar
1/11/2021 5:45:35 PM
नई दिल्ली

अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि का मामला सुलझने के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण के जन्मस्थान का मामला कोर्ट में है। इस मामले में मथुरा जिला जज की अदालत में दायर वाद पर सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यहां की शाही मस्जिद की आपत्ति पर 18 जनवरी को एक बार पिर केस सुनने का फैसला किया था। इससे पहले कोर्ट ने बीते गुरुवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, कोर्ट को आज फैसला सुनाना था।

श्री कृष्ण जन्मस्थान पर विवाद के मामले में सोमवार को जिला जज की कोर्ट में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने आपत्ति की। जिसपर अब 18 जनवरी को पुन: सुनवाई होगी। जिला जज की कोर्ट को आज श्री कृष्ण जन्मस्थान पर अपना फैसला सुनाना था, जिसे कोर्ट ने बीते गुरुवार को सुरक्षित रख लिया था। जज के आज फैसला सुनाने से पहले शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने आपत्ति की। जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब कोर्ट 18 जनवरी को इस आपत्ति पर सुनवाई करेगी।


सुप्रीम कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री आदि की ओर से श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में वाद दायर किया गया है। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने वाद को चलने लायक न बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की थी। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से दाखिल आपत्ति का भी निस्तारण होगा। इस केस में वादी और प्रतिवादी पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद जिला जज ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और निस्तारण के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की थी। इससे पहले मथुरा के जिला और सत्र न्यायालय ने गुरुवार को मंदिर के पास से मस्जिद को हटाने की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में दायर पहले वाद में गुरुवार को जिला जज यशवंत मिश्रा की अदालत में सुनवाई हुई। जिला जज के न्यायालय में सुनवाई के दौरान वादी प्रतिवादी पक्ष उपस्थित हुए। ईदगाह कमेटी की ओर से अपील पर आपत्ति की गई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में श्रीकृष्ण विराजमान व लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आठ वादियोंं ने 25 सितंबर,2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया था। यहां से 30 सितंबर को वाद खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने जिला जज की अदालत में अपील की। गुरुवार को मामले में सुनवाई के लिए वादी रंजना अग्निहोत्री अपने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन के साथ कोर्ट पहुंचीं। प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि भी पहुंचे। दोपहर दो बजे शुरू हुई सुनवाई करीब एक घंटे तक चली।

लखनऊ की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और भगवान श्री कृष्ण विराजमान समेत आठ लोगों ने अदालत में वाद दायर किया था। इसमें श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच 1968 में हुए समझौते को अवैध करार देते हुए उसे रद करने की मांग की गई। मस्जिद को हटाकर पूरी 13.37 एकड़ जमीन श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को देने की मांग की गई। इस मामले में अदालत ने चारों प्रतिभागियों श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड को नोटिस जारी किया था जिसमें चारों प्रतिवादियों की ओर से पहले भी वकालतनामा दाखिल है। इसी मामले में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा और माथुर चतुर्वेदी परिषद के अलावा सात अन्य लोगों ने भी पक्षकार बनने के लिए आवेदन कर रखा है। पहले इस मामले की सुनवाई 10 दिसंबर को होनी थी, लेकिन जिला जज की छुट्टी होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। तब कोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख सात जनवरी तय की थी। ऐसे में गुरुवार को सभी पक्षकारों अदालत में अपना जवाब दाखिल किया लेकिन जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया।


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