...ये नए भारत के उदय का प्रतीक : मोदी

By: Dilip Kumar
3/12/2021 3:48:10 PM
नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में आजादी के 75वें साल के जश्न की शुरुआत की। जश्न के इस कार्यक्रम का नाम रखा गया है 'आजादी का अमृत महोत्सव'। देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत सात जगहों पर डिजिटल तरीके से प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। अहमदाबाद में मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने अहमदाबाद में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने दांडी मार्च को भी हरी झंडी दिखाई।पीएम मोदी ने अपना संबोधन भी दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भी भारत की उपलब्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है। यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है। पीएम मोदी ने कहा कि देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है।हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था। मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था।

दांडी यात्रा को रवाना किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में दांडी यात्रा को रवाना किया। 81 यात्री साबरमती आश्रम से रवाना हुए। देश के विभिन्न राज्यों के विविध गांधीवादी संगठन स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता इस दांडी कूच में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का पहला दिन है। यह महोत्सव 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी ने अहमदाबाद में अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कहा कि स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कार्य और संकल्प- ये पांच स्तंभ देश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी - स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी - नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी - आत्मनिर्भरता का अमृत।

देश को खुद से प्रेरणा लेने की जरूरत

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है। फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास।हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। पीएम मोदी ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।

1857 के आजादी संग्राम को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।

आजादी के लिए खून बहाने वालों को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया। श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी। 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था। पीएम मोदी ने कहा कि जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है। बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है।


comments