'विटामिन 'ए' की कमी जीवन को दुर्बल बनाती है'

By: Dilip Kumar
8/2/2022 9:57:24 PM

सर्व विदित है कि विटामिंस मानव जीवन के लिए कितनी महत्वपूर्ण है खास करके बच्चों के लिए तो विटामिंस अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं । यहां पर विटामिन ए के बारे में बताना है। हाल ही में "ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ग्लोबल हेल्थ" में प्रकाशित एक सर्वेक्षण में भारत के संदर्भ में एक सर्वेक्षण में चौंकाने वाला खुलासा किया हैं। सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि भारत में हर पांच में से दो बच्चा विटामिन ए की डोज से वंचित हैं। शोधकर्ताओं ने सर्वेक्षण में 204645 बच्चों को शामिल किया गया इसमें सभी बच्चों की उम्र 9 महीने से 5 साल के बीच की थी । इसमें पाया गया कि कुल 123836 बच्चे यानी 60.5% को विटामिन की खुराक दी गई शोधकर्ताओं ने बताया कि जनवरी 2015 से दिसंबर 2016 के बीच राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण चार के दौरान देश भर में 640 जिलों में एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है।
शोधकर्ताओं ने बताया है कि विटामिन ए की कमी से आंख की रोशनी कम हो जाती है यह कमी बच्चों को अंधेपन का शिकार बना सकती है । विटामिन ए की कमी से त्वचा रोग पैदा हो जाते हैं जैसे जख्मों को उभरने लगते हैं। एनीमिया, पेशाब नली में संक्रमण, श्वसन नली में संक्रमण इत्यादि होने की संभावना बनी रहती है। हमें यह समझना भी जरूरी होगा कि विटामिन ए की कमी से कौन-कौन से लक्षण शरीर में उत्पन्न हो जाते हैं। विटामिन ए की कमी के कारण अत्यधिक थकान, त्वचा संबंधी समस्याएं, आंखों में सूजन अथवा सूखापन होना, शारीरिक विकास में कमी, हड्डियों का कमजोर होना तथा दांतों की परेशानी और रतौंधी रोग हो सकती हैं। विटामिन ए सर्वाधिक मात्रा में खरबूजे में पाई जाती है।

भारत सरकार और राज्यों की सरकारों को समझना होगा कि भारत में जन्मे सभी बच्चों में विटामिन ए की खुराक न दिए जाने से भारत में 5 में से दो बच्चों को विटामिन ए की कमी रहती है। या उन्हें विटामिन ए की खुराक नहीं दी जाती है। यह बच्चों के लिए अत्यंत दुखद बात है। यह बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?
भारत सरकार, राज्यों की सरकारों और भारतीय नागरिकों के द्वारा अबोध बच्चों को विटामिन ए की खुराक दिलाए जाने की शपथ लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भारत में जन्मा कोई भी बच्चा विटामिन ए की खुराक से वंचित न रहने पाए क्योंकि विटामिन ए की कमी के कारण बच्चे नाना प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं जो कि भारतीय समाज और देश के उज्जवल भविष्य के लिए घातक है। डॉक्टर बोरा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर करीब 190 मिलियन बच्चे विटामिन ए की कमी खुराक से वंचित हैं यानी 5 वर्ष से कम उम्र के हर तीन में से एक बच्चा विटामिन ए की खुराक से वंचित है जबकि भारत में 5 में से दो बच्चे विटामिन ए की कमी का शिकार है अर्थात विटामिन ए की खुराक नहीं दी गई है।

सर्वेक्षण में शोधकर्ता डॉक्टर कौस्तुभ बोरा ने बताया कि गोवा में सर्वाधिक 89.5% सिक्किम में 84.3% बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई वही सबसे कम राजस्थान में मात्र 20% बच्चों को नागालैंड में 29.5%, मणिपुर में 32.1% उत्तराखंड में 36.9% उत्तर प्रदेश में 40% बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई। राज्य सरकारों को विचार करना होगा और अपने संसाधनों को इस प्रकार से दुरुस्त करना होगा कि कोई भी बच्चा विटामिन ए की खुराक से वंचित न रह पाए अत्यंत शोचनीय स्थिति वाले राज्यों में राजस्थान में 80% बच्चे नागालैंड में 70% बच्चे मणिपुर में 68% बच्चे उत्तराखंड में है 64% बच्चे और उत्तर प्रदेश में 60% बच्चे विटामिन ए की खुराक से वंचित रहते हैं जोकि अत्यंत शर्मनाक स्थिति है इसी से पता लगता है कि इन राज्यों का विकास कितना हो रहा है दिखावे के लिए सरकारें अपनी पीट स्वयं ही थपथपाती है जबकि वास्तविकता कुछ और ही रहती है इसलिए खास करके राजस्थान नागालैंड मणिपुर उत्तराखंड उत्तर प्रदेश कि राज्य सरकारों को ध्यान देना होगा कि उनके यहां उत्पन्न कोई भी बच्चा विटामिन ए की खुराक से वंचित न रह पाए इसके लिए सरकार के साथ-साथ वहां की जनता को भी इस ओर ध्यान देना होगा कि उनका बच्चा विटामिन ए की खुराक लेने से छूटने न पाए यह सरकार के साथ-साथ अभिभावकों या आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि उनका बच्चा विटामिन ए की खुराक से छूटने न पाए । जब हम और हमारी सरकार अपने कर्तव्य का सही रूप से पालन करेंगे तो हम दूसरे से भी अपेक्षा कर सकते हैं। ऐसा करने पर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता है।


लेखक
सत्य प्रकाश
प्राचार्य
डॉक्टर बी आर अंबेडकर जन्म शताब्दी महाविद्यालय धनसारी अलीगढ़


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