परम आनंदम ट्रस्ट के कॉन्कलेव में ज्योतिषाचार्यों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया

By: Dilip Kumar
8/29/2022 1:10:14 PM

नई दिल्ली से मानवेन्द्र कुमार की रिपोर्ट। परम आनंदम, एसपीटी व द श्याम नारायण सिंह फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में ज्योतिष एक विज्ञान है विषय पर कान्कलेव का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर के ज्योतिषाचार्यों ने भाग लिया। इस मौके पर कान्कलेव की अध्यक्षता करते हुए विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप पंडित ने कहा कि नक्षत्र और ग्रहों का मानव शरीर पर सीधा प्रभाव है। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों की रिपोर्ट इस बात को मान चुकी है। प्रदीप पंडित ने एक बिल्ली की 2 पूंछ वाली कहानी सुनाकर यह बताया कि हमलोग जब तक अपनी आंखों से देख न लें, सहज विश्वास नहीं करते। कई सारी खगोलीय घटनाओं का साक्षी इंसान खुली आँखों से नही हो सकता है। उसे अनुभव किया जा सकता है। ज्योतिष की गणना का पूरा फलादेश हरेक के जीवन पर पड़ता है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप ज्योतिषाचार्य् शुभेष शर्मन ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र बहुत ही गूढ और जटिल विज्ञान है इसलिए इसके सिद्धांतो एवं नियमों का पालन बहुत ही सावधानी से करना होता है। इसमें असावधानी होने पर ही इस प्रकार की स्थिति पैदा हो सकता है। दूसरी तरफ ज्योतिष शास्त्र के बहुत से नियम कालान्तर में गुम हो गये हैं जिसके कारण भी भविष्य कथन में कुछ परेशानी और अन्तर हो सकता है अगर उपलब्ध नियमों एवं सिद्धान्तों को सूक्ष्मता से देखकर भविष्य कथन किया जाय तो परिणाम में अन्तर आना सम्भव नहीं है। शुभेष शर्मन ने कहा कि भविष्य कथन का रूप अलग हो सकता है यह सम्भव है परन्तु परिणाम में समानता से इनकार नहीं किया जा सकता। अत: जो अनिशिचत फलादेश की बात कह कर ज्योतिष शास्त्र को विज्ञान मानने से इनकार करते हैं उन्हें सही नहीं कहा जा सकता।

अपने संबोधन में डेलायट ओटोमेशन के एमडी मनोज दुबे ने कहा कि ज्योतिष' को विज्ञान कहने पर अक्सर तार्किकों और ज्योतिषियों में बहस होती है। मेरे विचार से ज्योतिष एक विशुद्ध विज्ञान है लेकिन उस रूप में नहीं, जिस रूप में तथाकथित ज्योतिष इसे सिद्ध करने की असफल कोशिश करते रहते हैं। ज्योतिष को उसके व्यावहारिक रूप में समझना अतिआवश्यक है तभी हम उसके वैज्ञानिक रूप को भलीभांति समझ पाएंगे।

साइबर एक्सपर्ट दिव्या तंवर ने रोजमर्रा के जीवन में ज्योतिष की बात कही और आज के साइबर दुनिया में सतर्क होने को कहा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में जब हम आते हैं, तो हर पोस्ट की लागत होती है। कहीं धन की तो कहीं मन की। उन्हांने सभी से आह्वान किया कि जब भी आप पब्लिक डोमेन में आते हैं या कुछ पोस्ट करते हैं, तो उससे पहले पूरी तहकीकात कर लें। आजकल डेटा को लेकर भी बड़ा व्यापार हो रहा है।

इस मौके पर आचार्य कमलदेव ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कहलाने का अधिकार रखता है यह उस कसौटी पर खड़ा उतरता है जहाँ से किसी भी शास्त्र विषय को विज्ञान की संख्या प्राप्त होती है। इसे अंधविश्वास या भ्रम कहने वाले अगर साफ मन से इस विषय का अध्ययन करें तो वे इसे विज्ञान मानने से इनकार नहीं कर सकते। इस मौके पर ज्योतिषाचार्य प्रमोद कुमार सुमन ने आज के ज्योतिषिय गणना पर खास चर्चा करते हुए कहा कि आज देश में ज्योतिष पर खूब चर्चा हो रही है। ऐसा नहीं है कि पहले चर्चा नहीं हो रही थी। अब प्रायोगिक तौर पर स्कूलों में इसे जोड़ने की बात हो रही है यह भारतीयता के अनुकूल है। ज्योतिषाचार्य के इस कान्कलेव में ज्योतिषाचार्य् सुमित्रा सिंह बेहतरीन एंकरिंग कर ज्योतिष की महत्ता पर चर्चा की जिसकी भूरि भूरि प्रशंसा की गई। इस खास कान्कलेव में नवेंदु भारद्वाज, चेतन टिक्कू ने भी विचार रखे।

परम आनंदम के चेयरमैन डॉ परमानंद ने कहा कि आज जरूरत है ज्योतिष को विश्व व्यापी रूप से आगे बढ़ाने का तभी हम विश्व गुरु बन सकते हैं जिसके लिए यह आयोजन किया गया है। इस मौके पर ज्योतिषाचार्य रेखा आर्य ने कहा कि ज्योतिष एक विज्ञान जिस तरह का विषय है इसमें कोई संशय नहीं है। बस समझने की जरूरत है जिसके लिए ऐसे आयोजन से आम आदमी भी जान सकता है। गौरतलब है कि परम आनंदम ट्रस्ट लगातार ज्योतिष विषय पर कान्कलेव का आयोजन करता रहा है। जिससे की आम आदमी को जागरूक किया जा सके और गलतफहमी को दूर किया जके।


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