एस आर अब्रोल का कॉलम : नहीं पता कितना पानी होता है बर्बाद
By: Dilip Kumar
4/9/2024 11:09:06 PM
दिल्ली जल बोर्ड के सामने पानी की बर्बादी रोकने की चुनौती है। लेकिन उसे यही नहीं मालूम कि रिसाव और चोरी के कारण कितना पानी बर्बाद चला जाता है। पानी की बर्बादी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जल शोधन संयंत्रों से कुल शोधित पानी का लगभग 41% ही उपभोक्ताओं तक पहुंच पाता है। शेष पानी या तो चोरी हो जाता है या जगह-जगह रिसाव के कारण बर्बाद हो रहा है। वर्ष 2021-22 में 51% पानी बर्बाद हुआ था जबकि वर्ष 2022-23 में बर्बादी 58% थी। दिल्ली के कई इलाकों में पानी की काफी समस्या है। रिसाव की समस्या दूर करने के लिए पिछले 10 वर्षों में 151.12 करोड़ रुपए खर्च हुए। दिल्ली जल बोर्ड के 151 करोड रुपए खर्च होने के बाद भी पानी की बर्बादी यथावत है। कई स्थानों पर फ्लो मीटर भी लगाए गए ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके। परंतु फ्लो मीटर ही काम नहीं कर रहे। जहां पर्याप्त पानी पर्याप्त पानी नहीं आता तो वहां फिलहाल लोग लोकल वेंडर से पीने का पानी खरीद कर अपनी ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं। इस पानी की गुणवत्ता संदेहस्पद रहती है। दिल्ली की बढ़ती आबादी को देखकर लगभग 1200 एमजीडी पानी की आवश्यकता है। परंतु यहां 990 एमजीडी पानी शोधित होता है। इस पर 60% पानी चोरी और रिसाव के भेंट चढ़ जाता है। जो की कोड में खाज का काम करता है। पानी की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर दबाव बड़ा बनाया जाता है। जबकि दिल्ली में हो रही पानी की बर्बादी पर ध्यान नहीं दिया जाता।
दिल्ली जल बोर्ड के बिल में 20 करोड़ के घोटाले में कंपनी के मालिक और उसके डायरेक्टर साथ तीन लोग गिरफ्तार हुए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने बिल वसूलने वाली दो कंपनियों फ्रेश पे आईटी सॉल्यूशन और आरम ईपेमेंट्स के मालिक और निर्देशक समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की मिली भगत से 20 करोड़ का घोटाला हुआ यह कंपनियां पानी का बिल वसूलते थी। उनके कर्मचारी विभिन्न कियोस्क से राशि इकट्ठा कर अपने कनॉट प्लेस स्थित कार्यालय में लाते थे। एकत्र की गई राशि जल बोर्ड के खाते में नहीं जाती थी। पानी की समस्या दूर करने के लिए दिल्ली सरकार भरसक प्रयास कर रही है। लेकिन जब से सर्विसेज का मैटर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास आया है, तब से जल बोर्ड के मेंटेनेंस के कार्य और नए प्रोजेक्ट के लिए पैसा रिलीज करने में अकसर देरी हो रही है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट से अप्रूवल के बाद भी पैसा रिलीज नहीं हो रहा है। इसके दिल्ली सरकार के मिनिस्टर कई बार ऐसे अफसर पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर साहब को रिक्वेस्ट किया है। लेकिन वह इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। और ऐसे अधिकारियों को पूरा संरक्षण मिला हुआ है।
समय समय पर पुरानी पानी की लाइनों और सीवर लाइनों के बदलने का काम न होने की वजह से गंदा और बदबूदार पानी घरों में पहुंच रहा है। इसकी शिकायतें कई जगह से आती हैं। पानी प्रदूषित होने का एक और बड़ा बड़ा कारण है कि कई जगह लोग अवैध तरीके से पानी की लाइन पंचर कर लेते हैं और जब मोटर चलती है तो वहां से गंदा पानी खींच लेती है। ऐसे अवैध कनेक्शन पर रोक लगनी चाहिए। अगर पानी की बर्बादी को रोकने के लिए समय पर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
-एस आर अब्रोल
वरिष्ठ स्तंभकार