नालंदा गेस्ट हाउस ने मनाया अट्टुकल पोंगल फेस्टिवल, महिलाओं की सहभागिता अनुपम
By: Dilip Kumar
4/17/2024 8:07:33 PM
केरल से उमेश झा की रिपोर्ट। तिरुवनंतपुरम में बीते महीने अट्टुकल पोंगल फेस्टिवल मनाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने अट्टुकल देवी को भोग लगाया। इस दौरान महिलाओं ने मिट्टी के चूल्हे पर चावल, गुड़, नारियल से पोंगल बनाया। यह अट्टुकल भगवती मंदिर का दस दिवसीय त्योहार है। यह त्योहार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल है। साल 1997 में 15 लाख महिलाओं ने पोंगल चढ़ाकर रिकॉर्ड बनाया था। हर साल की भांति इस वर्ष भी अट्टुकल पर्व धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के अलावा कई जगहों पर महिलाओं का जुटान देखने को मिला। नालंदा गेस्ट हाउस ने भी इस प्रत्येक वर्ष की भांति पोंगल का आयोजन किया जिसमें काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। इसके आयोजक कृष्णा कुट्टी और प्रदीप कुमार रहे। इस दौरान कन्नूर से बाबू, कोल्लम से अशोक,चेन्नई से देवा, पटटानामटिटमा से राजेश, कुंडरा से बिजू,उन्नी, आनंदु, मुंबई से मोटीयानी, दिल्ली से उमेश झा आदि ने भी इस उत्सव में भाग लिया। दिल्ली से पहुंचे उमेश झा ने कहा कि ऐसा अनुपम उत्सव मैंने नहीं देखा था,जिसमें महिलाओं की सहभागिता नजर आई।
अट्टुकल पोंगल केरल में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के लिए महिलाएं केरल के अट्टुकल भवानी मंदिर में एक साथ आती है। इसमें महिलाएं मीठे पायसम बनाती है। इसमें चावल,गुड़,नारियल से बना हुआ हलवा या खीर बनाकर भवानी को अर्पित किया जाता है। यह दस दिनों तक मनाया जाता है। इस उत्सव की शुरूआत मलायलम महीना मकरम-कुंभम के भरानी दिन होती है। मान्यता है कि यह पकवान भवानी को बहुत अधिक पसंद है। देवी मंदिर में सुबह से ही धार्मिक कार्यों का सिलसिला शुरू हो जाता है। दोपहर के वक्त मंदिर का पुजारी हाथों में तलवार लेकर मंदिर परिसर में घूमता है। साथ ही भक्तों पर पवित्र जल और फूल फेंककर आशीर्वाद देते हैं। अट्टुकल देवी को कन्नाकी का अवतार माना जाता है।