एनडीएमसी अध्यक्ष ने आईएनए-दिल्ली हाट में खाद निर्माण स्थल का उद्घाटन किया

By: Dilip Kumar
8/29/2025 4:40:12 PM
नई दिल्ली

स्थायी और विकेन्द्रीकृत कूड़ा प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ( एनडीएमसी ) के अध्यक्ष  केशव चंद्रा ने रीसाइक्लिंग और ट्रीटमेंट हेतु कूड़ा पृथक्करण (एसओआरटी) परियोजना के अंतर्गत नई दिल्ली स्थित आईएनए-दिल्ली हाट में एक अत्याधुनिक खाद निर्माण स्थल का उद्घाटन किया। यह परियोजना भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) और मदरसन समूह का नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सहयोग से एक संयुक्त उद्यम है।

केंद्रीयकृत सामुदायिक क्लस्टर (सीसीसी) मॉडल पर डिज़ाइन की गई यह नई सुविधा 400 लीटर क्षमता वाले 15 एरोबिन कंपोस्टर्स से सुसज्जित है। ये सभी मिलकर दिल्ली हाट क्षेत्र के 25 रेस्टोरेंट से निकलने वाले लगभग 180 किलोग्राम जैविक कचरे (मासिक 5400 किलोग्राम) को प्रतिदिन संसाधित करेंगे और उसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद में बदलेंगे, जिससे लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा कम होगी।

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए, एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा ने कहा कि- "दिल्ली हाट में एरोबिन कंपोस्टर्स की स्थापना केवल कूड़ा ट्रीटमेंट के बारे में नहीं है - यह इस बात पर पुनर्विचार करने के बारे में है कि हम, नागरिकों के रूप में, अपने पर्यावरण के साथ कैसे जुड़ते हैं। यह पहल दिखाती है कि कैसे सामुदायिक स्तर के समाधान कचरे को धन में बदल सकते हैं, लैंडफिल पर दबाव कम कर सकते हैं और अन्य शहरों के लिए एक मानक भी स्थापित कर सकते हैं। मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने के लिए आईपीसीए और मदरसन समूह को बधाई देता हूँ और प्रत्येक नागरिक से स्रोत पर ही कूड़े को अलग अलग करने की आदत का आग्रह करता हूँ, जो एक स्वच्छ और टिकाऊ नई दिल्ली की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।"

इस दृष्टिकोण को दोहराते हुए, आईपीसीए के संस्थापक और निदेशक आशीष जैन ने कहा कि - "हम एनडीएमसी के प्रगतिशील दृष्टिकोण और मदरसन समूह के निरंतर सहयोग के लिए उनके आभारी हैं। एरोबिन तकनीक कॉम्पैक्ट, गंध-मुक्त, बिजली-मुक्त और सामुदायिक स्थानों के लिए अत्यधिक उपयुक्त साधन है। यह दक्षता और पर्यावरण-मित्रता सुनिश्चित करते हुए मैन्युअल हैंडलिंग को समाप्त करती है। प्रोजेक्ट सॉर्ट के माध्यम से, हमारा लक्ष्य शून्य-अपशिष्ट समाज के करीब पहुँचना है।"

एक चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर एक कदम बढ़ाते हुए, आईएनए दिल्ली हाट कम्पोस्टिंग साइट, समुदाय-संचालित अपशिष्ट प्रबंधन समाधानों की ओर दिल्ली के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर है। भारत के चक्रीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाकर, यह पहल लैंडफिल के बोझ को कम करने और एक हरित, स्वच्छ भविष्य के निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।


एनडीएमसी ने आराधना हाउसिंग सोसाइटी को "अनुपम कॉलोनी" घोषित किया

नागरिक-संचालित स्थिरता की एक ऐतिहासिक मान्यता में, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आधिकारिक तौर पर आराधना (बर्मा शेल कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड) को "अनुपम कॉलोनी" घोषित किया है। यह सम्मान एनडीएमसी की शून्य अपशिष्ट पहल के तहत कूड़ा पृथक्करण, खाद बनाने और पुनर्चक्रण में कॉलोनी के अग्रणी प्रयासों को मान्यता देता है। यह घोषणा एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्रा ने की, उनके साथ एनडीएमसी सचिव तारिक थॉमस, एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी, प्रबंध समिति के अध्यक्ष एन. मारवाह, अन्य सदस्यों और निवासियों ने आराधना कॉलोनी में की, जहाँ नव-नामित "अनुपम कॉलोनी" बोर्ड का अनावरण भी किया गया।

आराधना कॉलोनी के दौरे के दौरान, अधिकारियों ने कॉलोनी के खाद निर्माण स्थल और आरआरआर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल) केंद्र का दौरा किया, जो शून्य अपशिष्ट परियोजना का अभिन्न अंग हैं। ये पहल एनडीएमसी के सहयोग और व्हाई वेस्ट योर वेस्ट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) फाउंडेशन की संस्थापक - डॉ. रूबी मखीजा के मार्गदर्शन में कार्यान्वित की गई हैं। इस अवसर पर, सोसाइटी ने एनडीएमसी की स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी - डॉ. शकुंतला श्रीवास्तव को उनके निरंतर सहयोग और समन्वय के लिए धन्यवाद दिया और डॉ. अंकिता राय, चिकित्सा अधिकारी, एनडीएमसी और राकेश कुमार, क्षेत्रीय स्वच्छता निरीक्षक, एनडीएमसी के बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

आराधना कॉलोनी के निवासियों की ओर से बोलते हुए, प्रबंध समिति के अध्यक्ष एन. मारवाह ने आभार व्यक्त किया और समुदाय की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि - "'अनुपम कॉलोनी' के रूप में मान्यता प्राप्त होना हमारे लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह उपलब्धि हमारे निवासियों, समर्पित सहायक कर्मचारियों और एनडीएमसी की सक्रिय सहायता से ही संभव हो पाई है। हम अपनी कॉलोनी को स्वच्छता, खाद बनाने और पुनर्चक्रण में स्थायी उपायों का एक आदर्श बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

यह मान्यता सतत शहरी विकास में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने और उसका जश्न मनाने के एनडीएमसी के निरंतर मिशन को रेखांकित करती है, जो एक स्वच्छ और हरित राजधानी की ओर नई दिल्ली की सामूहिक यात्रा को सुदृढ़ करती है।


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