मोदी के संकल्प को मौलानाओं का समर्थन, 'शौचालय नहीं तो निकाह नहीं'
By: Dilip Kumar
2/20/2017 2:40:41 PM
शौचालय नहीं तो निकाह नहीं। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मौलवियों और मुफ्तियों ने फैसला किया है कि वे ऐसे घरों के लड़कों का निकाह नहीं कराएंगे जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं।जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद ए मदनी ने कहा कि तीन राज्यों में शौचालय की शर्त को मुसलमानों की शादी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है और इसे जल्द ही देश के अन्य सभी राज्यों में लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के मौलवियों तथा मुफ्तियों ने फैसला किया है कि वे ऐसे मुस्लिम लड़कों का निकाह नहीं कराएंगे जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं। पूर्व राज्यसभा सदस्य मदनी ने यह बात पिछले हफ्ते यहां खानापाड़ा में स्वच्छता पर आयोजित असम सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि देशभर में सभी धर्मों के धार्मिक नेताओं को फैसला करना चाहिए कि वे उन लड़कों की शादी नहीं कराएंगे जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं।
स्वच्छता पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि वे शौचालयों का इस्तेमाल करें और न सिर्फ असम को, बल्कि समूचे देश को स्वच्छ बनाएं।