संतान की लंबी उम्र के लिए करें मां अहोई की पूजा
By: Dilip Kumar
10/30/2018 10:57:10 PM
कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन का सम्बन्ध भगवान शिव की पत्नी मां गौरी से है। अहोई अष्टमी के दिन मां गौरी के अहोई स्वरुप की पूजा की जाती है। इस दिन सभी निसंतान महिलाएं संतान की प्राप्ति के लिए और जिन महिलाओं की संतान है, वे उनकी मंगल कामना हेतु माता अहोई का व्रत कर पूजन आदि करती हैं।
मां अहोई का ज्योतिष स्वरुप
पंचम भाव बलिष्ठ होने से जातक के संतान सम्बन्धी कष्ट दूर होते हैं। वह जातक जिनका पंचम भाव या पंचमेश निर्बल है, उन्हें या तो संतान प्राप्ति में कष्ट होता है या भविष्य में संतान सम्बन्धी कष्ट आता है। देवी गौरी के अहोई स्वरुप की पूजा करने से जातक का पंचम भाव बलिष्ठ होता है और संतान सम्बन्धी कष्ट समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी के दिन मां की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक राशि की महिलाओं को क्या उपाय करना चाहिए —
मेष राशि की जातिका को अहोई मां की कृपा प्राप्त करने हेतु ढलते सूर्य को अपने हाथ से बना कर पूर्ण भोजन अर्पित करना चाहिए। वृषभ राशि की जातिका को मां अहोई की पूजा करने से पूर्व सवा किलो मसूर की दाल खेत या निर्जन स्थान पर डाल देनी चाहिए। मिथुन राशि की जातिका को तारों की पूजा करते समय इत्र युक्त 11 दिये प्रज्जवलित करने चाहिए और उन्हें तारों के सामने खुले आसमान में रखना चाहिए। कर्क राशि की जातिका को इस दिन भोजन करने से पूर्व कुछ भोजन अपने पुरखों के लिए निकाल कर दान करना चाहिए। इस राशि की जातिका को मां अहोई की अनुकम्पा प्राप्त करने हेतु कम से कम एक बच्ची की यथाशक्ति पढ़ाई का खर्चा उठाने का संकल्प लेना चाहिए। इस राशि की जातिका को मां अहोई का व्रत रखते हुए किसी वृद्ध का यथाशक्ति खर्चा उठाने का संकल्प लेना चाहिए। यदि जातिका तुला राशि की है, तो अहोई अष्टमी की पूजा करते हुए यथाशक्ति अनाथ बच्चों की जरूरतें पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए।
वृश्चिक राशि की जातिका को मां अहोई की कृपा प्राप्त करने हेतु कम से कम एक वर्ष शक्ति अनुसार विद्या दान करने करने का संकल्प लेना चाहिए। धनु राशि की जातिका को अपने पंचम भाव को प्रभावी बनाने के लिए मां अहोई की पूजा करते हुए अगली 11 एकादशी का व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए और बिना किसी अभूतपूर्व कष्ट हुए इसे भंग नहीं करना चाहिए। मकर राशि की जातिका को मां अहोई की अनुकम्पा प्राप्त करने हेतु इस दिन सुगन्धित दीयों को प्रज्जवलित करना चाहिए। जिनकी संख्या 7 से कम न हो और ध्यान रहे ये दिये कम से कम दो होरा (1 घंटे ) तक प्रज्ज्वलित रहें।
कुम्भ राशि की जातिका को मां अहोई की उपासना करते हुए ये संकल्प लेना चाहिए कि वह अगली 11 पूर्णिमा का विधि-विधान से व्रत रख उद्यापन करेगी। ऐसा करने से मां अहोई की अनुकम्पा अवश्य प्राप्त होगी।इस राशि की जातिका को मां अहोई की अनुकंपा पाने के लिए ये संकल्प लेना चाहिए कि वह अगले 21 शुक्रवार तक कम से कम एक सुहागिन को रूप सज्जा की पांच चीजें दान करेंगी।