भाई दूज, क्या है तिलक लगाने की विधि और शुभ मुहूर्त

By: Dilip Kumar
11/8/2018 8:58:22 PM
नई दिल्ली

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा के ठीक अगले दिन भाई दूज मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहनों के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. भाई दूज को उत्तर भारत समेत कई अन्य राज्यों में भी मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोटा पर्व के नाम से मनाया जाता है. पश्चिम बंगाल में बहनें इस दिन व्रत रखती हैं और भाई को तिलक लगाने व भोजन कराने के बाद ही खुद भोजन ग्रहण करती हैं. इस दिन भाई बहनों को उपहार देते हैं.

वहीं महाराष्ट्र और गोवा में भाई दूज को भाऊ बीज के नाम से जाना जाता है. वहां भाई को भाऊ कहते हैं. वहां भी बहनें भाई को तिलक लगाती हैं और भाई दूज मनाती हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में भी भाई दूज मनाने की परंपरा है. उत्तर प्रदेश में बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उन्हें आब और शक्कर के बताशे देती हैं.

कुछ लोग आब और सूखा नारियल भी देते हैं. जबकि बिहार में इस दिन भाई को बहनें गालियां देती हैं और उन्हें डांटती हैं. फिर उनसे माफी मांगती हैं और उसके बाद उन्हें तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं. इस त्योहार को नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है. नेपाल में इस दिन को भाई तिहार के नाम से जाना जाता है. तिहार का अर्थ होता है तिलक. खास बात यह है कि नेपाल में बहनें अपने भाई को सात रंग से बना तिलक लगाती हैं और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.

भाई दूज शुभ मुहूर्त :

भाई दूज तिथि: 9 नवंबर 2018
सुबह का मुहूर्त: सुबह 9:20 से 10:35 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त: दोपहर 1:20 से 3:15 बजे तक
शाम का मुहूर्त: शाम 4:25 से 5:35 बजे तक
रात का मुहूर्त : रात 7:20 से 8:40 बजे तक
भाई दूज तिलक के लिए शुभ मुहूर्त और समय: दोपहर 01:10:02 बजे से 03:20:30 तक
अवधि : 2 घंटे 10 मिनट

भाई दूज पूजन व तिलक लगाने की विधि:

भाई दूज का पूजन निश्चित पद्धति और रीति-रिवाज से किया जाता है. इसलिए इसकी विधि को ध्यान पूर्वक पढ़ें.
1. सबसे पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और इसके बाद भाई के तिलक के लिए थाल सजा लें.
2. तिलक के लिए सजाई गई थाल में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई, अक्षत और सुपारी आदि सामग्री रखी जाएगी.
3. पिसे हुए चावल के आटे या घोल से चौक बनाएं और शुभ मुहूर्त में इस चौक पर भाई को बिठाएं.
4. इसके बाद उन्हें तिलक लगा दें.
5. तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें.
6. तिलक और आरती के बाद बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं और भाई उन्हें कोई उपहार देते हैं.


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