मध्यप्रदेश में बगावत, कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं भाजपा के दो विधायक!

By: Dilip Kumar
7/25/2019 12:56:27 AM
नई दिल्ली

कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस और भाजापा दोनों पार्टी के नेताओं के बीच कमलनाथ सरकार को लेकर जमकर बहसबाजी हो रही है। एक-तरफ जहां कांग्रेस के भीतर भाजपा कलह बता रही है,तो दूसरी ओर कांग्रेस कहना है कि भाजपा अगर कमलनाथ सरकार को कर्नाटक सरकार जैसी समझ रही है तो यह उसकी भूल है। इसी बीच भाजपा को करारा झटका लगा है।

दरअसल बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में आपराधिक कानून (संशोधन) बिल पर मतदान के दौरान दो भाजपा विधायकों, नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान किए। इसके बाद कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। यही नहीं दोनों विधायकों को कांग्रेस ने किसी अज्ञात स्थान पर भेज दिया है और जानकारी अनुसार दोनों रात में सीएम के साथ भोजन करेंगे।

भाजापा विधायकों के अपने पक्ष में वोट मिलने के बाद सीएम कमलनाथ ने भाजपा पर चुटकी ली। उन्होंने कहा ' भाजपा रोज कहती है कि हमारी सरकार कभी भी गिर सकती है। आज सदन में आपराधिक कानून (संशोधन) बिल पर वोटिंग के दौरान दो भाजपा नेताओं ने हमारे पक्ष में वोट दिया। कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करने वाले दोनों भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल को आज कांग्रेस द्वारा किसी अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है। वे आज रात में सीएम कमलनाथ के साथ रात्रि भोज में शामिल होंगे।

इससे पहले विधानसभा में सीएम कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बीच तनातनी देखने को मिली। इस दौरान भार्गव ने कहा कि अगर हमारे नंबर एक या नंबर दो का आदेश हुआ तो 24 घंटे के भीतर आपकी सरकार गिर जाएगी। इसपर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आपके ऊपर वाले नंबर एक और दो समझदार हैं, इसलिए आदेश नहीं दे रहे। आप चाहें तो अविश्वास प्रस्ताव ले आएं।' गौरतलब है कि राज्य में पिछले कई दिनों से कमलनाथ सरकार, भाजापा के निशाने पर है। मंगलवार को कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार के गिरने के बाद भाजपा ने हमला और तेज कर दिया।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के भीतर कलह है। अगर सरकार गिरती है तो इसके लिए खुद कांग्रेसी नेता जिम्मेदार होंगे। इसके बाद कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शिवराज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा अगर मध्य प्रदेश सरकार को कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार न समझे। भाजपा ने हमारे लिए समस्याएं पैदा करने के लिए सब कुछ किया है, लेकिन यह कमलनाथ की सरकार है, कुमारस्वामी की नहीं, उन्हें इस सरकार को हिलाने के लिए सात जन्म लेना होगा।


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