अयोध्या : सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से मामले की रोजाना सुनवाई

By: Dilip Kumar
8/2/2019 3:27:25 PM
नई दिल्ली

अयोध्या भूमि विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए गठित मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैनल किसी स्थायी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया। अदालत अब 6 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई करेगी। पैनल ने गुरुवार को सीलबंद लिफाफे में अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। अदालत ने एक याचिका पर 11 जुलाई को पैनल से यह रिपोर्ट मांगी थी। सोमवार को सभी पक्षों के बीच दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश सदन में आखिरी मीटिंग हुई थी। 18 जुलाई को मध्यस्थता पैनल ने स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। तब सीजेआई ने कहा था कि अभी मध्यस्थता की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जा रहा, क्योंकि ये गोपनीय है। पैनल जल्द अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दे।

इससे पहले याचिकाकर्ता ने कहा था कि मध्यस्थता पैनल से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है। इसलिए कोर्ट को जल्द फैसले के लिए रोज सुनवाई पर विचार करना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा था कि मध्यस्थता पैनल की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद ही तय करेंगे कि अयोध्या मामले की सुनवाई रोजाना की जाए या नहीं। अयोध्या विवाद में पक्षकार गोपाल सिंह विशारद की याचिका और जल्द सुनवाई का निर्मोही अखाड़ा ने भी समर्थन किया। अखाड़ा ने कहा था कि मध्यस्थता प्रकिया सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है। इससे पहले अखाड़ा मध्यस्थता के पक्ष में था।


सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाई थी। समिति में पूर्व जस्टिस एफएम कलिफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल थे। मई में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की बेंच ने मध्यस्थता समिति को इस मामले को सुलझाने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया था। बेंच ने सदस्यों को निर्देशित किया था कि आठ हफ्तों में मामले का हल निकालें। पूरी बातचीत कैमरे के सामने हो।
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था- अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। पहला-सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा- निर्मोही अखाड़ा और तीसरा- रामलला।

 


comments