नागरिकता बिल के विरोध में असम में छात्रों का प्रदर्शन, सेना का फ्लैगमार्च
By: Dilip Kumar
12/11/2019 5:33:43 PM
बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के बीच असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल और मेघालय में प्रदर्शन हुए। असम में हजारों छात्रों ने विधानसभा की तरफ मार्च निकाला। डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालात देखते हुए सेना को स्टैंडबाई पर रखा गया है। त्रिपुरा में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर मार्च निकाला। यहां राज्य सरकार ने इंटरनेट बैन कर रखा है। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (नेसो) की अगुआई में तीन दिन से जारी विरोध को 30 छात्र और वाम संगठन समर्थन दे रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में यह डर बना हुआ है कि बिल लागू होते ही यहां की भाषा, संस्कृति और पहचान खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि, अमित शाह ने लोकसभा और राज्यसभा में स्पष्ट कर दिया है कि नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की भाषा, संस्कृित और पहचान की रक्षा के लिए केंद्र प्रतिबद्ध है।
भाजपा सांसद के घर में घुसे प्रदर्शनकारी, पुतला फूंका
असम में गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट में प्रदर्शन ने उग्ररूप ले लिया। यहां बिल के विरोध में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। असम के कई हिस्सों में सेना ने फ्लैग मार्च निकाला। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में आज होने वाली सभी परीक्षाएं निरस्त कर दी गईं। असम में कई हाईवे पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की। ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के सदस्य गुवाहाटी से लोकसभा सांसद क्वीन ओझा के घर में घुस गए और भाजपा नेता का पुतला फूंका। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. हेमंत बिस्वा शर्मा के घर के बाहर भी काले झंडे दिखाए गए। डिब्रूगढ़ में छात्रों ने 10 किमी लंबा "दिसपुर चलो' मार्च निकाला। उन्होंने पुलिस के कई बैरिकेड्स तोड़े। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) ने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शन की वजह से करीब 14 ट्रेनों को कैंसल करना पड़ा या इनका समय बदलना पड़ा।
राहुल गांधी ने नागरिकता बिल पर कहा कि मैं नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़ा हूं। मोदी और शाह की सरकार इस बिल के जरिए नॉर्थ ईस्ट को जातीय आधार पर साफ करना चाहती है। यह एक आपराधिक हमला है। यह नॉर्थ ईस्ट के जीने के तरीके और भारत की परिकल्पना पर हमला है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार नॉर्थ ईस्ट के लोगों की चिंताओं को दूर करेगी। हम यहां के लोगों के अधिकारों और सामाजिक पहचान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।