एकाग्र भाव से नाम जप करने से भगवान की प्राप्ति होती है: महामंडलेश्वर 

By: Dilip Kumar
10/4/2023 9:51:45 PM

राजपाल सिंह आर्य की रिपोर्ट। महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती के सानिध्य चल रही भागवत कथा में तीसरे दिन महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद महाराज ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए भक्ति व दृढ़ संकल्प का महत्व बताया ध्रुव की कथा के माध्यम से श्रोताओं को भक्ति और दृढ़ संकल्प को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि एक बार उत्तानपाद सिंहासन पर बैठे हुए थे। ध्रुव खेलते हुए राज के महल में पहुंच गए। उस समय उनकी अवस्था 6 वर्ष की थी। सौतेला भाई उत्तम राजा उत्तानपाद की गोदी में बैठा हुआ था।

ध्रुव राजा की गोदी में चढ़ने का प्रयास करने लगे। सुरुचि को अपने सौभाग्य का इतना अभिमान था कि उसने ध्रुव को डांटा और कहा गोद में चढ़ने का तेरा अधिकार नहीं है। अगर इस गोद में चढ़ना है तो पहले भगवान का भजन करके इस शरीर का त्याग कर और फिर मेरे गर्भ से जन्म लेकर मेरा पुत्र बन। तब तू इस गोद में बैठने का अधिकारी होगा। ध्रुव को अपनी सौतेली माता के इस व्यवहार पर बहुत क्रोध आया, पर वह कर ही क्या सकता था? इसलिए वह अपनी मां सुनीति के पास जाकर रोने लगा।

सारी बातें जानने के बाद सुनीति ने कहा, 'संपूर्ण सुखों को देने वाले भगवान नारायण के अतिरिक्त तुम्हारे दुःख को दूर करने वाला और कोई नहीं है। तू केवल उनकी भक्ति कर। उसके पश्चात उन्होंने जड़ भरत की कथा सुनाई संसार के विषय वस्तुओं को त्यागने के बाद भी यदि मनुष्य का मन किसी चीज में आसक्त हो जाता है तो उसको उसी योनि में जाना पड़ता है जड़ भरत ने पूरे जीवन की तपस्या एक हिरण के प्रेम में समाप्त कर दी। अंत में भक्त प्रहलाद का प्रसंग सुनाया उन्होंने कहा कि हिरना कश्यप सबको आदेश दे रहा है कि भक्त प्रह्लाद को खत्म करो, भस्म करो। लकड़ियों के चारों तरफ जल्लाद खड़े कर दिए गए। इस दौरान जब आग का भयानक जलवा हुआ, तब भक्त प्रहलाद ने इतना ही कहा अच्छा भगवान, अच्छा मेरे राम तेरी मर्जी और भक्त प्रह्लाद बच गए। नरसिह अवतार में हिरना कश्यप को मार कर भक्त प्रह्लाद को बचाया।

भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता पिता की सेवा कर सकें, गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। अंत में आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।


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