शास्त्र और संविधान के असंगत है कम आयु में योनसम्बन्ध : स्वामी पूणानंदपुरी जी महाराज
By: Dilip Kumar
7/30/2025 7:32:02 PM
राजपाल सिंह आर्य की रिपोर्ट। लड़का और लड़की के विवाह और वयस्कता की उम्र निर्धारण हेतु अब तक अनेकों नियम और कानून लाए जा चुके हैं, जिसमें ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़े ईश्वरचंद्र विद्यासागर, बी.एम. मालाबारी सहित ब्रिटिश भारतीय वायसराय और गवर्नर जनरल जैसे नार्थ बुक आदि लोगों ने समय समय पर अनेकों प्रयास किये और नियम कानून आदि बनाये गए। परन्तु हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व न्यायमित्र इंदिरा जयसिंह ने इस विषय को और भी ज्वलंत कर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के लिए वैधानिक उम्र 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष करने का अनुरोध किया है, ताकि किशोरों के बीच आपसी सहमति से बने संबंधों को अपराध न माना जाए। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा कानून किशोरों के बीच सहमति से बनाए गए संबंधों को अपराध मानता है और उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। लेकिन इस याचिका को लेकर देश भर में आक्रोश की स्थिति देखने को मिल रही है, सामाजिक और राजनैतिक संगठनों के साथ धार्मिक अनुयायिओं ने भी इसके खिलाफ अपने विरोध प्रारंभ कर दिए हैं, इसी क्रम में शहर के धार्मिक संस्थान वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जौ महाराज की अध्यक्षता में एक पत्रकार वार्ता कर उक्त प्रकरण का विरोध दर्ज किया गया।
डॉ. दिव्या गुप्ता ने बताया कि एक तरफ देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है वहीं दूसरी ओर समय पूर्व बच्चियों के शारीरिक सम्बन्ध से न केवल शारीरिक बल्कि सामाजिक और मानसिक अक्षमतायें भी जन्म लेंगी। उन्होंने बताया की गुरुकुल पद्धति के अनुसार चारु आश्रम का वर्णन किया गया है जिनकी अलग अलग आयु निर्धारित की गयी है, और वह पद्धति भारत ही नहीं अपितु विश्व में सर्वश्रेष्ठ पद्धति है, परन्तु आधुनिकता के चलते बच्चों पर अनावश्यक बोझ धर्म के साथ संविधान के भी असंगत है। वार्ता में उपस्थित एडवोकेट सौरभ अग्रवाल ने भी वरिष्ठ अधिवक्ता के कोर्ट में किये गए इस अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि विज्ञान भी जहाँ कम उम्र में गर्भ धारण को लेकर शारीरिक वीकृति को प्रमाणित कर चुकी है तो ऐसे में विवाह की आयु में कमी करना आने वाली पीढ़ी के लिए घातक हो सकती है। वार्ता में उपस्थित आचार्य गौरव शास्त्री,अनिल तिवारी, ज्ञानेंद्र मिश्रा, पुष्पेंद्र सिंह, दीप सक्सेना, इशू कुमार, विकास शर्मा, एके त्रिपाठी, मृत्युंजय शर्मा सहित अन्य लोगों ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत कर विरोध प्रकट किया।