शुक्रवार को लगेगा सूर्य ग्रहण, .....वरना होगा अशुभ

By: Dilip Kumar
7/12/2018 5:52:11 PM
नई दिल्ली

13 जुलाई को लगेगा इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण। हालांकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन कुछ ज्योतिषियों का मत है कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं और इस दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है। 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण के दिन अमावस्या सुबह 8:17 मिनट तक है। मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वहीं कुछ ज्योतिष यह भी कह रहे हैं कि भारत में इस ग्रहण का ज्यादा प्रभाव नहीं मिलेगा, क्योंकि ग्रहण यहां नहीं पड़ रहा है।

ग्रहण का समय: ग्रहण 13 जुलाई को भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सेकंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकंड तक रहेगा।

13 जुलाई को आषाढ़ अमावस्या पर पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध की रस्में की जाती हैं। इसके अलावा सोमवार के दिन पड़ने वाली सोमवती अमावस्या और शनिवार के दिन पड़ने वाली शनि अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण पर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। वरना अनिष्ट हो सकता है। पंडित सुशांत राज ने बताया कि 13 जुलाई 2018 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक होगा।

भारतीय समयानुसार ग्रहण सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सैकेंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 5 सैकेंड तक रहेगा। ग्रहण का माध्यम काल 8 बजकर 13 मिनट 05 सैकेंड पर होगा और मोक्ष 9 बजकर 43 मिनट 44 सैकेंड पर होगा। बताया कि सूर्य ग्रहण से पहले इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। सूर्य ग्रहण लगने से पहले दूध-दही जैसी चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। मान्यता है कि ऐसा करने से इन चीजों में ग्रहण का असर नहीं होता है। ग्रहण से पहले ही खाना खा लें। पके हुए भोजन को बचाए नहीं। ग्रहण के दौरान आराम न करें। ग्रहण के समय पूजा-पाठ और मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए। तुलसी और शामी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान खाना नहीं पकाना चाहिए। ग्रहण खत्म होने बाद सबसे पहले स्नान करना चाहिए। तुलसी और शामी के पौधों में गंगाजल छिड़कना चाहिए। गरीबों और जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा देना चाहिए।

गर्भवती महिला को सूर्यग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी धारदार कैंची या चाकू को नहीं छूना चाहिए। कपड़े नहीं सिलने चाहिए। इसके पीछे यह मान्यता है कि ऐसा करने से पेट में पल रहे शिशु के अंग कट जाते हैं या फिर जुड़ जाते हैं। सूर्य ग्रहण को देखने से शिशु विकलांग भी हो सकता है।

बन रहा ये खास संयोग

नासा के मुताबिक इससे पहले 1974 में 13 दिसंबर, शुक्रवार के दिन यह संयोग बना था और अगली बार ऐसा संयोग 2080 में 13 सितंबर को पड़ेगा, जब शुक्रवार के दिन ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिष रमेश सेमवाल ने बताया कि ग्रहण सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सैकेंड से शुरू होगा, जो कि 8 बजकर 13 मिनट 5 सैकेंड तक रहेगा। ग्रहण का माध्यम काल 8 बजकर 13 मिनट 05 सैकेंड पर होगा और मोक्ष 9 बजकर 43 मिनट 44 सैकेंड पर होगा। बताया कि यह ग्रहण कर्क लग्न और मिथुन राशि में पड़ेगा। इसमें सूर्य और चंद्र दोनों मिथुन राशि में रहेंगे और लग्न में बुध और राहु रहेंगे। सूर्य ग्रहण कर्क, मिथुन और सिंह राशि वालों पर अशुभ प्रभाव डाल सकता है। इन्हें मानसिक कष्ट भी हो सकता है।


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