नई दिल्ली(देवेंद्र गौतम)। कश्मीर में सेब के किसान परेशान हैं। इसबार की सर्दियों में समय पूर्व भारी बर्फबारी के कारण उनके काफी पेड़ नष्ट हो चुके हैं। इसके कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सेब के एक पेड़ को तैयार करने में 15 से 20 साल लग जाते हैं। वहां के बागों में कुल करीब 6 करोड़ पेड़ हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 7 नवंबर की बेमौसम बर्फबारी के कारण उनमें से 2 करोड़ पेड़ नष्ट हो चुके हैं। सरकार ने किसानों को क्षतिपूर्ति के रूप में 60 करोड़ रुपये बांटे। इसमें प्रति किसान मुश्किल से डेढ़ से दो हजार रुपये आए। बहुत से ऐसे लोगों को भी मुआवजा दिया गया जिनके पास अपना कोई पेड़ नहीं है।
अब बागवानी का मौसम आ चुका है। यह कीटनाशक के छिड़काव का समय है और किसानों के पास पैसों का संकट है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जम्मू-कश्मीर राज्य के अध्यक्ष तनवीर अहमद डार ने स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएं ताकि वे इस विकट स्थिति का सामना कर सकें। श्री डार ने कहना है कि हर साल पहले से ज्यादा कीटनाशक के इस्तेमाल की जरूरत पड़ रही है। इससे खेती की लागत बढ़ती जा रही है। इसका कारण क्या है इसकी जांच न बागवानी विभाग करता है न अन्य सरकारी एजेंसियां। सरकार सेब उत्पादक किसानों की कठिनाइयों पर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि कश्मीर विश्व की सबसे उन्नत किस्मों के सेब का उत्पादन करता है। जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित राज्य बनने के बाद केंद्र सरकार से किसानों को अपेक्षा है कि उनकी परेशानियों को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठे जाएंगे। कश्मीर के सेब, केसर और अखरोट जैसी फसलें उगाने वाले किसानों को और बेहतर उत्पादन करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं दी जाएंगी।
किसानों की एक बड़ी समस्या यह है कि अक्टूबर-नवंबर के महीने में जब सेब की नई फसल तैयार होती है और उसे देश की मंडियों में भेजना होता है, उस समय जम्मू-कश्मीर हाइवे कई-कई दिनों तक बंद रहता है। इससे ढुलाई में परेशानी होती है। यह संकट प्राकृतिक नहीं, पूरी तरह मानव सृजित है। पहाड़ों को काटकर सड़क बनाई गई है उसमें तकनीकी खामियां हैं। चट्टानों के स्खलन के कारण सड़क पर मलवा गिरता है और रास्ता बंद हो जाता है। उसे हटाने में कई-कई दिन लग जाते हैं। देश के अन्य राज्यों में भी पहाड़ी सड़कें बनी हैं। वहां ऐसी परेशानी नहीं होती है। अब पहाड़ों के अंदर से टनेल बनाए जा रहे हैं। वे अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित हैं।
रॉयल चैलेंज पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर ने अपने नये बोल्ड कैंपेन ‘मैं नहीं तो कौन बे& ..Read More
महाराष्ट्र सरकार और टाई राजस्थान ने राजस्थान डिजीफेस्ट और टाई ग्लोबल समिट 2026 के लिए ..Read More
कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। देश की प्रमुख मास-प्रीमियम कार निर्माता कंपनी क ..Read More
भारतीय व्यापार, वाणिज्य, संस्कृति और नवाचार की उभरती शक्ति को प्रदर्शित करने की ऐतिहास ..Read More
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 3 दिसंबर को संपन्न हुए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय स ..Read More
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा है कि मजहब की आ ..Read More
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता ..Read More
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को लोकसभा में दिल्ली के लंब ..Read More
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने गो विधायकों को शपथ द ..Read More