चेरापूंजी में बना एक और रिकॉर्ड, एक दिन में 972 मिलीमीटर बारिश
By: Dilip Kumar
6/18/2022 12:45:45 AM
मेघालय के चेरापूंजी में शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे के दौरान 972 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो जून में वर्ष 1995 के बाद से सबसे अधिक है। इससे दो दिन पहले वहां 811.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। मौसम विभाग के मुताबिक 122 सालों में तीसरा सबसे अधिक वर्षा दर्ज किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा जब से उसने रिकॉर्ड रखना शुरू किया है तब से दुनिया के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों में शामिल चेरापूंजी में जून के महीने में नौ बार 800 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। गुवाहाटी में आईएमडी के क्षेत्रीय केंद्र में वैज्ञानिक सुनीत दास ने कहा कि इस महीने शुक्रवार तक चेरापूंजी में कुल 4081.3 मि.मी. बारिश रिकॉर्ड की गई है। बुधवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए 24 घंटे के दौरान चेरापूंजी में 811.2 मि.मी. बारिश दर्ज की गई थी।
दास ने बताया कि 16 जून, 1995 को चेरापूंजी में 1,563.3 मि.मी. बारिश दर्ज की गई थी। उससे एक दिन पहले 15 जून, 1995 को 930 मि.मी बारिश हुई थी। उन्होंने कहा, हमेशा ऐसी बारिश नहीं होती। (चेरापूंजी में) साल में एक या दो बार 50-60 सेंटीमीटर बारिश होना सामान्य है। लेकिन 80 सेंटीमीटर या उससे अधिक बारिश होना सामान्य बात नहीं है। भुवनेश्वर के आईएमडी निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा कि मानसून ने राज्य के दक्षिणी हिस्सों में प्रवेश कर लिया है। अगले 3 दिनों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है। ओडिशा के जाजपुर, कटक आदि में भारी बारिश और गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है। राज्य भर में तापमान में कमी आई है।
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चेरापूंजी का मशहूर व्यंंजन- अगर आप खाने-पीने के शौकीन है तो आप यहां के राइस से बने व्यंजन जरूर चखें।जी हाँ और यहां का पार्क राइस काफी पसंद किए जाने वाला व्यंजन है।वहीं इसके अलावा यहां का सोहरा पुलाव भी काफी पसंद किया जाता है। यहाँ राइस से बने इस व्यंजन में सब्जियां मिलाकर बनाई जाती है और खास बात यह है कि बिना मसाले का बना यह डिश बेहद स्वादिष्ट होता है।
कैसे पहुंचें चेरापूंजी- यहां का निकटतम हवाई अड्डा गुवाहाटी है, जो 170 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐसे में यहां पहुंचने में करीब 5 घण्टे का समय लगता है। इसी के साथ यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है, जो 150 किमी की दूरी पर स्थित है। वहीं सड़क मार्ग की बात की जाए तो चेरापूंजी, शिलांग से 55 किमी की दूरी पर है और यहां पहुंचने में दो घण्टे का समय लगता है। इसी के साथ व्यक्तिगत वाहनों के साथ-साथ सरकारी यातायात के साधन भी इस रास्ते पर हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
चेरापूंजी के झरने व गुफाएं- हरियाली के साथ-साथ अगर आप झरने व गुफाओं की भी सैर करना चाहते हैं तो चेरापूंजी आपके लिए एक अच्छा गंतव्य साबित हो सकता है। जी दरअसल यहां के झरने मोहित करने वाले हैं। इसी के साथ ही आप शानदार फोटोग्राफी का भी अनुभव ले सकते हैं। जी दरअसल यहां कई वाटरफॉल है और सभी बनावट एक-दूसरे से अलग है। इसके अलावा यहां मवासमई और आरवाह गुफा हैं जो आपको एक रोमांचकारी अनुभव कराती है।
चेरापूंंजी का सुप्रसिद्ध 'लोकगीत' व 'लोकनृत्य'- चेरापूंजी में खासी जनजाति के लोग रहते हैं, जो बसंत ऋतु का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जी हाँ और यहां के लोग बादलों को लुभाने के लिए 'लोकगीत' व 'लोकनृत्य' का आयोजन करते हैं, जो पर्यटकों को खासा पसंद आता है।
चेरापूंजी का लाइव ब्रिज- चेरापूंजी, लाइव ब्रिज के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, जिसे देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं। जी दरअसल यहां के लोगों द्वारा बनाया गया यह ब्रिज बायो-इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। वहीं इस ब्रिज की खासियत है कि समय के साथ-साथ यह और भी मजबूत होता जाता है। केवल यही नहीं बल्कि एक साथ इस पर से करीब 50 लोग गुजर सकते हैं।
चेरापूंजी का ईको पार्क- चेरापूंजी में स्थित एक ईको पार्क है, जहां फूल की प्रजाति ऑर्चिड अपना जलवा बिखेरती है। इसका मतलब है कि इस पार्क में ऑर्चिड के फूल लगाए गए है, जिसे देखने के लिए पर्यटकों का मेला लगा रहता है।