चीन का दावा- इस दवा से कोरोना का इलाज

By: Dilip Kumar
3/19/2020 3:07:28 PM
नई दिल्ली

दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरी दुनिया में वैज्ञानिक इसकी दवा को विकसित करने में लगे हैं। अमेरिका दवा को विकसित करने के बाद इसके परीक्षण के चरण में पहुंच गया है। इस बीच चीन के अधिकारी ने दावा किया है कि जापानी कंपनी फ्यूजीफिल्‍म (Fujifilms) की Avigan एंटी फ्लू ड्रग (Anti Flu Drug for Coronavirus patient) कोरोना वायरस के मरीजों पर कारगर साबित हो रही है। चीनी अधिकारी के इस बयान के बाद बुधवार को इस कंपनी का शेयर 15.4 फीसद ऊपर 5238 येन पर बंद हुआ था। Avigan को Favipiravir के नाम से भी जाना जाता है।

जापान ने 2014 में इस दवा के इस्‍तेमाल को मंजूरी दी थी। चीन के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय के अधिकारी झांग जिनमिन का कहना है कि ये दवा कोरोना वायरस (Coronavirus) पर कारगर तो साबित हुई ही है बल्कि इसका कोई साइड इफेक्‍ट भी अब तक नजर नहीं आया है। जानकारी के मुताबिक शेनजेन और वुहान में इस दवा को 340 मरीजों पर टेस्‍ट किया गया था। कुछ समय बाद इन मरीजों का कोरोना वायरस का टेस्‍ट नेगेटिव आया था। इन सभी को कोरोना वायरस का टेस्‍ट पॉजीटिव (coronavirus test positive) आने के चार दिन बाद ये दवा देनी शुरू की गई थी ।

इस दवा को देने के बाद इन मरीजों की एक्‍सरे रिपोर्ट में भी इनके फेंफड़ों में करीब 91 फीसद तक इंप्रूवमेंट देखा गया। वहीं इस दौरान जिन्‍हें इसकी जगह दूसरी दवा दी गई थी उनमें 61 फीसद मरीजों के फेंफडे पहले से बेहतर पाए गए। कहने का सीधा सा‍ अर्थ ये है कि कोरोना वायरस के मरीजों पर ये दवा दूसरी दवाओं के मुकाबले ज्‍यादा कारगर साबित हुई है। हालांकि जापान ने दवा के इस तरह से सफल होने का अपनी तरफ से कोई दावा अब तक नहीं किया है। 

द गार्जियन अखबार ने जापान के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वहां पर भी इस दवा को कोरोना वायरस से पीडि़त मरीजों को दिया गया था, लेकिन वहां पर ये मरीजों पर कारगर साबित नहीं हुई। इसके मुताबिक करीब 70-80 मरीजों को ये दवा दी गई थी, लेकिन इसका मरीजों पर कोई फायदा होता दिखाई नहीं दिया। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में जापान की सरकार ने इबोला वायरस के दुनिया के कई देशों में पहुंचने के बाद इसकी गुएना में बतौर आपातकालीन दवा सप्‍लाई की थी। Favipiravir ने सरकार से इस बात की इजाजत मांगी थी कि इसका Covid-19 के मरीजों पर फुल स्‍केल इस्‍तेमाल किया जाए। 


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