दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने श्रद्धापूर्वक मनाया श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का शहीदी दिवस

By: Dilip Kumar
11/28/2022 6:23:15 PM

नई दिल्ली से कुलवंत कौर के साथ बंसी लाल की रिपोर्ट। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने नौंवी पातशाही श्री गुरू तेग बहादुर जी का शहीदी पर्व श्रद्धा व आदरपूर्वक मनाया। इस अवसर पर विभिन्न गुरूद्वारा साहिब में गुरमति समागम आयोजित हुए जिनमें बड़ी संख्या में संगत शामिल हुई तथा शब्द कीर्तन व कथा-विचार के माध्यम से नतमस्तक होकर गुरबाणी का आनंद लिया। इस मौके पर गुरुद्वारा सीस गंज साहिब से गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब तक विशाल नगर कीर्तन सजाया गया। पांच प्यारों की अगुवाई में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब से नगर कीर्तन आरंभ हुआ जिसमें सुंदर पालकी साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब सुशोभित थे। यह नगर कीर्तन नई सड़क, अजमेरी गेट, चूना मंडी, पहाड़ गंज, पंचकुइयां रोड व गुरुद्वारा बंगला साहिब होते हुए गुरुद्वारा रकाबगंज समाप्त हुआ। नगर कीर्तन में गुरु की प्यारी निहंग फौज के जत्थों के अलावा स्कूली छात्र, गतका पार्टी(सिख मार्शल आर्ट) सहित बड़ी संख्या में संगत शामिल हुई।

गुरूद्वारा सीसगंज साहिब से गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब तक नगर कीर्तन सजाया गया

गुरू तेग बहादुर साहिब की शहादत ने भारत का इतिहास बदला: कालका, काहलों

इस मौके पर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत से भारत का इतिहास बदल गया। गुरु साहिब ने अपनी शहादत से न केवल कश्मीरी पंडितों की रक्षा की बल्कि पूरे देश के लोगों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि यह भारत के इतिहास में बदलाव का एक महान अवसर था जिसे गुरु साहिब ने अपनी शहादत से एक नए युग की ओर अग्रसर किया।
उन्होंने आगे कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमने गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 400वीं जयंती उसी लाल किले पर मनाई जहां गुरु साहिब को शहीद किया गया था। उन्होंने कहा कि लाल किले पर गुरपर्व मनाना साबित करता है कि इतिहास खुद को बदल देता है और जिन तानाशाह मुगलों ने इस देश में अत्याचार किए आज उन्हें याद करने वाला भी कोई नहीं रहा। विशाल नगर कीर्तन में बड़ी संख्या में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी, सदस्य व बड़ी संख्या में संगत शामिल हुई।


comments