सिद्धेश्वर नाथ महादेव : शिवलिंगों में सबसे विशाल स्वंयभू शिवलिंग

By: Dilip Kumar
7/13/2019 9:35:16 PM
नई दिल्ली

पूर्वोत्तर भारत में स्थित अनूठे शिवलिंग के बारे में। यह अब तक ज्ञात शिवलिंगों में सबसे विशाल स्वंयभू शिवलिंग है। वैसे इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। अरुणाचल प्रदेश स्थित जीरो घाटी की करडा पहाड़ी पर विराजते हैं सिद्धेश्वर नाथ महादेव। इतना विशाल शिवलिंग अभी तक कहीं और नहीं देखा गया है। धरती के ऊपर इसकी ऊंचाई 20 फीट है, जबकि इसका चार फीट हिस्सा धरती के नीचे है। कुल मिलाकर 24 फीट ऊंचा यह शिवलिंग आस्था का एक बड़ा केंद्र बन चुका है।

2004 में हुई थी खोज : साल 2004 से पहले इस शिवलिंग के बारे में कोई नहीं जानता था। बताया जाता है कि जंगल में लकड़ियां काटते वक्त नेपाली लकड़हारों को अचानक इसका पता चला। लकड़हारों को यहां किसी अदृश्य शक्ति का एहसास हुआ। उन्होंने कटाई का काम रोक दिया। इसके बाद इस स्थल की सफाई की गई तो इस विशाल शिवलिंग के बारे में पता चला। शिवलिंगम के नीचे अनवरत जलधारा भी बहती रहती है।

साल 2004 से इस शिवलिंग की पूजा कर रहे पुजारी बताते हैं कि अरुणाचल में शिव मंदिर की मौजूदगी का जिक्र शिव पुराण के 17वें अध्याय के रुद्र खंड में आता है। साल 2004 में शिव के प्रकट होने की खबर फैली तो जीरो के बाजार से यहां तक आने के लिए रास्ते का निर्माण कराया गया। यह शिवलिंग हरे-भरे वन में स्थित है। हर रोज सुबह 6 बजे से शाम ढलने तक पुजारी यहां रहते हैं। यहां एक शेड का निर्माण कराया गया है। परिसर में एक कुआं, हवन कुंड और कुछ घंटियां लगाई गई हैं।

 अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर या नहारलगून रेलवे स्टेशन से जीरो की दूरी करीब120 किलोमीटर है। जीरो के मुख्य बाजार हापोली से सिद्धेश्वर महादेव की दूरी 6 किलोमीटर है जो पैदल भी तय की जा सकती है या हापोली के टैक्सी स्टैंड से छोटी गाड़ियां किराये पर ले सकते हैं।


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