Dailynewsonline
  • home
  • state
      • Andhra Pradesh
      • Arunachal Pradesh
      • Assam
      • Bihar
      • Chandigarh
      • Chhattisgarh
      • Delhi
      • Goa
      • Gujarat
      • Haryana
      • Himachal Pradesh
      • Jammu and Kashmir
      • Jharkhand
      • Karnataka
      • Kerala
      • Madhya Pradesh
      • Maharashtra
      • Manipur
      • Meghalaya
      • Odisha
      • Pondicherry
      • Punjab
      • Rajasthan
      • Sikkim
      • Tamil Nadu
      • Telangana
      • Tripura
      • Uttar Pradesh
      • Uttarakhand
      • West Bengal
  • world
  • Business
    • Industry
    • Small Biz
    • BusinessIcon
    • Others
  • Entertainment
    • Bollywood
    • Hollywood
    • Television
    • MovieReviews
    • Tollywood
    • Others
  • Sports
    • Cricket
    • Football
    • Hockey
    • Kabaddi
    • LocalSports
    • Others
  • Carrer
    • Admission Alert
    • Jobs
    • Expert Tips
    • Success Stories
    • Others
  • Religion
    • Dharm Sansad
    • Pilgrimage
    • Festivals
    • Horoscope
    • Others
  • Lifestyle
    • Fashion
    • Food
    • Health
    • Travel
    • Technology
    • Others
  • Opinion
    • Editorial
    • Columnists
    • Readers Mail
    • Others

ललित गर्ग का कॉलम: डॉ. वेदप्रताप वैदिकः हिन्दी का लहराया था परचम

By: Dilip Kumar
3/15/2023 11:46:39 AM

पत्रकारिता के एक महान् पुरोधा पुरुष, मजबूत कलम एवं निर्भीक वैचारिक क्रांति के सूत्रधार, उत्कृष्ट राष्ट्रवादी, हिन्दीसेवी, ‘भाषा’ के मुख्य सम्पादक, नवभारत टाइम्स के सम्पादक, डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार सुबह उनका निधन 78 वर्ष की उम्र में बाथरूम में गिरने की वजह से हो गया। एक संभावनाओं भरा हिन्दी पत्रकारिता का सफर ठहर गया, उनका निधन न केवल पत्रकारिता एवं हिन्दी के लिये बल्कि भारत की राष्ट्रवादी सोच के लिये एक गहरा आघात है, अपूरणीय क्षति है। वैदिक का जीवन सफर आदर्शों एवं मूल्यों की पत्रकारिता की ऊंची मीनार है। उनका निधन एक युग की समाप्ति है। वे चित्रता में मित्रता के प्रतीक थे तो गहन मानवीय चेतना के चितेरे जुझारु, निडर, साहसिक एवं प्रखर व्यक्तित्व थे। वे एक ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व थे, जिन्हें पत्रकारिता एवं हिन्दी का यशस्वी योद्धा माना जाता है। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो गया था।

डॉ. वैदिक ने पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉ. वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान थे, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया। मेरा सौभाग्य रहा कि अणुव्रत लेखक मंच का राष्ट्रीय संयोजक होने के दौरान उन्हें अणुव्रत लेखक पुरस्कार के लिये चुना गया और महान् आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में 17 एवं 18 अक्टूबर, 2021 को भीलवाड़ा (राजस्थान) में उन्हें प्रदत्त किया गया। दो दिन तक उनके साथ रहने एवं वहां से राजसमंद में अणुव्रत विश्व भारती के अणुव्रत निलयम जाने एवं अवलोकन करने का अवसर मिला। रतलाम ( मध्यप्रदेश ) के राजनेता एवं पत्रकार चैतन्य कश्यप के दिल्ली केन्द्र हेली रोड पर मुझे कुछ समय कार्य करने का अवसर मिला, जहां प्रायः हर दिन डॉ. वैदिक से मुलाकात एवं चर्चा का अवसर मिलता रहा। मेरी शादी में 1988 में उन्होंने भाषा के सम्पादक रहते हुए मुझे शुभकामना सन्देश भेजते हुए शादी के बाद दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। यूं तो दिल्ली के विभिन्न कार्यक्रमों में उनसे मुलाकातें होती रहती थी। मेरे पिता पत्रकार एवं साहित्यकार स्व. रामस्वरूपजी गर्ग के वे अभिन्न मित्र थे।

डॉ. वैदिक एक ऐसे जीवन की दास्तान है जिन्होंने अपने जीवन को बिन्दु से सिन्धु बनाया है। उनके जीवन की दास्तान को पढ़ते हुए जीवन के बारे में एक नई सोच पैदा होती है। जीवन सभी जीते हैं पर सार्थक जीवन जीने की कला बहुत कम व्यक्ति जान पाते हैं। डॉ. वैदिक के जीवन कथानक की प्रस्तुति को देखते हुए सुखद आश्चर्य होता है एवं प्रेरणा मिलती है कि किस तरह से दूषित राजनीतिक-सामाजिक परिवेश एवं आधुनिक युग के संकुचित दृष्टिकोण वाले समाज में जमीन से जुड़कर आदर्श जीवन जिया जा सकता है, आदर्श स्थापित किया जा सकता है। और उन आदर्शों के माध्यम से देश की पत्रकारिता, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और वैयक्तिक जीवन की अनेक सार्थक दिशाएँ उद्घाटित की जा सकती हैं। उन्होंने व्यापक संदर्भों में जीवन के सार्थक आयामों को प्रकट किया है, वे आदर्श जीवन का एक अनुकरणीय उदाहरण हैं, मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता, समाजसेवा एवं राजनीति को समर्पित एक लोककर्मी का जीवनवृत्त है। उनके जीवन से कुछ नया करने, कुछ मौलिक सोचने, पत्रकारिता एवं सामाजिक को मूल्य प्रेरित बनाने, सेवा का संसार रचने, सद्प्रवृत्तियों को जागृत करने की प्रेरणा मिलती रहेगी।

डॉ. वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय अग्रदूतों में होती है, जिन्होंने हिंदी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया, हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष और त्याग किया। महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डॉ. राममनोहर लोहिया की महान परंपरा को आगे बढ़ानेवाले योद्धाओं में वैदिकजी का नाम अग्रणी है। पिछले 60 वर्षों में हजारों लेख और भाषण उन्हें लिखे। वे लगभग 10 वर्षों तक पीटीआई भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक और उसके पहले नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे थे। फिलहाल राष्ट्रीय समाचार पत्रों तथा प्रदेशों और विदेशों के लगभग 200 समाचार पत्रों में भारतीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर डॉ. वैदिक के लेख हर दिन प्रकाशित होते रहते थे। वे साल 2014 में खूंखार आतंकी हाफिज सईद से साक्षात्कार से काफी चर्चा में रहे। मुंबई हमलों के सरगना और लश्करे तैय्यबा के आतंकवादी हाफिज सईद से लिये गये इस इंटरव्यू के बाद पूरे देश में काफी हंगामा हुआ और दो सांसदों ने उन्हें गिरफ्तार करके उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की थी।

डॉ. वैदिक ने करीब चार साल तक दिल्ली में राजनीति शास्त्र का अध्यापन भी किया। उनकी रुचि दर्शनशास्त्र और राजनीतिशास्त्र में भी थी। राजेन्द्र माथुर, प्रभाष जोशी की पीढ़ी के आखिरी सशक्त हस्ताक्षर रहे वैदिक ने अफगानिस्तान पर एक शोध किया था और 50 से अधिक देशों की यात्रा की थी। वैदिकजी ने अपनी पहली जेल-यात्रा सिर्फ 13 वर्ष की आयु में की थी। हिंदी सत्याग्रही के तौर पर वे 1957 में पटियाला जेल में रहे। बाद में छात्र नेता और भाषाई आंदोलनकारी के तौर पर कई जेल यात्राएं की। भारत में चलनेवाले अनेक प्रचंड जन-आंदोलनों के वे सूत्रधार थे। डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान, अणुव्रत लेखक पुरस्कार (2021) आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय थे। वैदिक वर्तमान में भारतीय भाषा सम्मेलन और भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष थे। आपने अनेक लिखी जिनमें प्रमुख हैं ‘अफगानिस्तान में सोवियत-अमेरिकी प्रतिस्पर्धा’, ‘अंग्रेजी हटाओ, क्यों और कैसे?’, ‘हिन्दी पत्रकारिता-विविध आयाम’, ‘भारतीय विदेश नीतिः नए दिशा संकेत’, ‘एथनिक क्राइसिस इन श्रीलंका, इंडियाज ऑप्शन्स’, ‘हिन्दी का संपूर्ण समाचार-पत्र कैसा हो?’, ‘वर्तमान भारत’, ‘अफगानिस्तान, कल, आज और कल’, ‘महाशक्ति भारत’, ‘भाजपा, हिंदुत्व और मुसलमान’, ‘कुछ मित्र और कुछ महापुरुष,’ ‘मेरे सपनों का हिंदी विश्वविद्यालय’ ‘हिंदी कैसे बने विश्वभाषा’, ‘स्वभाषा लाओ अंग्रेजी हटाओ’ आदि है।

डॉ. वैदिक को निर्भीक विचारों, स्वतंत्र लेखनी और बेबाक सम्पादकीय टिप्पणियों के लिये जाना जाता है। उनको पढ़ने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में है और अपने निर्भीक लेखन से वे काफी लोगों के चहेते थे। उन्होंने पत्रकारिता में उच्चतम मानक स्थापित किये। वे न केवल अपने कॉलम के जरिये राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं को सशक्त तरीके से प्रस्तुति देते रहे बल्कि गरीबों, अभावग्रस्तों, पीड़ितों और मजलूमों की आवाज बनते रहे और उनकी बेखौफ कलम के सामने सत्ताएं हिल जाती थीं। अपनी कलम के जरिये उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कलम जब भी चली उन्होंने लाखों लोगों की समस्याओं को सरकारों और प्रशासन के सामने रखा और भारतीय लोकतंत्र में लोगों की आस्था को और मजबूत बनाने में योगदान दिया। उन्होंने आमजन के बीच, हर जगह अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।
लाखों-लाखों की भीड़ में कोई-कोई डॉ. वैदिक जैसा विलक्षण एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति जीवन-विकास की प्रयोगशाला में विभिन्न प्रशिक्षणों-परीक्षणों से गुजर कर महानता का वरण करता है, विकास के उच्च शिखरों पर आरूढ़ होता है और अपनी मौलिक सोच, कर्मठता, कलम, जिजीविषा, पुरुषार्थ एवं राष्ट्र-भावना से समाज एवं राष्ट्र को अभिप्रेरित करता है। उनके जीवन से जुड़ी विधायक धारणा और यथार्थपरक सोच ऐसे शक्तिशाली हथियार थे जिसका वार कभी खाली नहीं गया। वे जितने उच्च नैतिक-चारित्रिक पत्रकार थे, उससे अधिक मानवीय एवं सामाजिक थे। डॉ. वैदिक को एक सुलझा हुआ और कद्दावर जनसेवक एवं पत्रकार माना जाता रहा है। उनका निधन एक आदर्श एवं बेबाक सोच की पत्रकारिता का अंत है।

ललित गर्ग

लेखक, पत्रकार, स्तंभकार


related topics

भगवान विष्णु पर टिप्पणी और चुप्पी का प्रश्न

9/19/2025 9:47:44 PM

भारतीय लोकतंत्र में न्यायपालिका सर्वोच्च संस्था मानी जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख ..Read More

प्रदीप कुमार का आलेख : वृंदावन में शराबबंदी-पवित्र धाम की पवित्रता की रक्षा का समय

8/9/2025 6:46:24 PM

वृंदावन में हर गली, हर घाट, हर मंदिर राधा-कृष्ण के नाम से गूंजता है। भजन-कीर्तन की धुन ..Read More

सत्य प्रकाश का कॉलम : शिक्षा क्षेत्र की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता 

8/4/2025 3:29:17 PM

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। शिक्षा मानव को मानवता व इन्सानियत के मार्ग ..Read More

समीक्षक : प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन- लहू बोलता भी है 

8/4/2025 2:38:33 PM

सैय्यद शाहनवाज अहमद कादरी की किताब का टाइटल ‘लहू बोलता भी है’ पढ़कर शुरू म ..Read More

दिलीप कुमार का कॉलम : संविधान के चार स्तंभों की चुप्पी-ब्राह्मण समाज पर हमला क्यों?

7/20/2025 1:05:51 AM

भारत के लोकतंत्र की नींव चार मजबूत स्तंभों पर टिकी है—विधायिका, कार्यपालिका, न्य ..Read More

दिलीप कुमार का कॉलम : कांवड़ यात्रा-आस्था के महापर्व को बदनाम करने की साजिश

7/20/2025 12:42:02 AM

सावन का महीना आते ही उत्तर भारत की सड़कों पर भगवा रंग का एक सैलाब उमड़ पड़ता है। ये को ..Read More

प्रोफेसर राजकुमार जैन का कॉलम : जाकिर हुसैन केवल एक तबला नवाज ही नहीं थे

7/14/2025 3:37:00 PM

उनके इंतकाल की खबर से बेहद तकलीफ हुई।। हमारे वक्त का यह फनकार केवल बेजोड़ कलाकार ही नह ..Read More

दिलीप झा का कॉलम : औपनिवेशिक थ्योरी की विदाई- आर्य हैं भारत की आत्मा

6/22/2025 10:43:15 PM

आर्य और अनार्य का विमर्श केवल एक ऐतिहासिक प्रश्न नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, समाज और ..Read More

महेश चन्द्र मौर्य का कॉलम : आधुनिक भारत के निर्माता प० जवाहर लाल नेहरू

5/28/2025 3:14:45 PM

भारत में प० जवाहरलाल नेहरू को आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है। उन्होंन ..Read More

comments
sponsored advert
Social Corner
  • recent
  • sports
  • career
  • धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल द्वारा रूबरू साहस और आत्मविश्वास का उत्सव

    10/16/2025 6:52:21 PM
    नई दिल्ली
  • ग्रीन पटाखों की इजाजत पर मार्केट में खरीदारों की रौनक बढ़ेगी - परमजीत सिंह पम्मा

    10/16/2025 6:45:34 PM
    नई दिल्ली
  • Axis Bank launches India’s first Digital Banking Point with Hitachi

    10/16/2025 6:43:18 PM
    Nagpur
  • विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय छात्रों से की बातचीत

    10/16/2025 6:29:37 PM
    नई दिल्ली
  • दिल्ली में हरियाणा युवा कांग्रेस का ज़ोरदार प्रदर्शन, केरल के आनंद को न्याय दिलाने की मांग तेज़

    10/15/2025 1:11:36 PM
    नई दिल्ली
  • विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का सफलतापूर्वक आयोजन, भारत को मिला वैश्विक स्थान

    10/7/2025 8:22:10 PM
    नई दिल्ली
  • इंडियन ऑयल वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उतरेंगे 100 पेरिस पैरा ओलंपिक मेडलिस्ट

    9/14/2025 10:47:04 PM
    नई दिल्ली
  • प्रो कबड्डी सीजन 11 मे शुभम शिंदे करेंगे पटना पाइरेट्स की कप्तानी, अंकित होंगे सह-कप्तान

    10/14/2024 5:17:49 PM
    नई दिल्ली
  • बैडमिंटन ब्रांड विक्टर रैकेट्स ने भारतीय बाजार में अपना पहला ब्रांड शोरूम लांच किया 

    4/17/2024 8:00:49 AM
    नई दिल्ली
  • चार साल बाद हुई दबंग दिल्ली केसी की ‘घर वापसी’, 'दबंगों का घर' फतह करने को तैयार

    2/2/2024 11:20:06 AM
    नई दिल्ली
  • आकाश डिजिटल ने JEE और NEET की परीक्षा तैयारियों में बाधाओं को तोड़ स्थापित किये नए कीर्तिमान

    3/19/2025 11:05:45 PM
    नई दिल्ली
  • महिला उद्यमियों को सस्टेनेबिलिटी में नई उड़ान; स्टेप करेगा DU में 'अनपॉल्यूट 2024' सम्मेलन 

    9/29/2024 7:45:41 PM
    नई दिल्ली
  • क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (स्थिरता) में पहले स्थान पर पहुंचा डीयू: कुलपति

    4/20/2024 2:26:59 PM
    नई दिल्ली
  • रुस एजुकेशन ने नई दिल्ली में भारत-रूसी शिक्षा शिखर सम्मेलन 2024 का आयोजन 

    4/13/2024 6:34:33 PM
    नई दिल्ली
  • केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छात्राओं को दिया ‘विकसित भारत, सशक्त नारी’ का मंत्र

    3/9/2024 8:17:30 PM
    नई दिल्ली
shopping
Socialism
DailyNewsOnline.in

इस न्यूज पोर्टल की पहचान विश्वसनीय और निष्पक्ष पत्रकारिता की होगी। हम सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों को वेब मीडिया के माध्यम से पाठकों के बीच उठाएंगे।

Get top news on your inbox
popular tags
  • Business
  • State
  • Sports
  • Entertainment
  • Career
  • Religion
  • LifeStyle
  • Admission
  • Rail
  • Health
  • Technology
  • Jobs
Group Sites
  • Subhumi.Com

    Subhumi is an multilinguel (Hindi/English) website containing the datas about the different places
  • Belsand.Com

    A Regional News Site in Hindi to provide insight activity of local places.
  • Tracker

    A Site Where one can track the Mobile number and Area Pin Code
  • Home
  • Business
  • Technology
  • Travel
  • Fashion
  • Horoscope
  • Dharm Sansad
  • Contact
© 2016 Dailynewsonline.in - ALL RIGHTS RESERVED