लुईस ग्लूक को साहित्‍य में 2020 का नोबल पुरस्‍कार देने की घोषणा

By: Dilip Kumar
10/8/2020 5:54:34 PM
नई दिल्ली

साहित्य में नोबेल प्राइज 2020 के पुरस्‍कारों की घोषणा हुई। यह पुरस्‍कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया। स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि कवयित्री लुईस को उनकी बेमिसाल काव्यात्मक आवाज के लिए यह सम्मान दिया गया, जो खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है। लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। लुईस ग्लुक के कविता के बारह संग्रह और कुछ संस्करणों को प्रकाशित हुए हैं। उनकी कविताओं में खुद के सपनों और भ्रमों के बारे में जो कुछ बचा है, उसे कहा गया है। कविता में स्वयं के भ्रम का सामना करने के लिए उससे कठिन कोई नहीं हो सकता। द ट्रायम्फ ऑफ अकिलीस (1985) और अरार्ट (1990) जैसे संग्रह उनके संग्रह हैं। उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था।

उनके नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि उनके लेखन में बाद की पुनरावृत्ति के लिए इन तीन विशेषताओं में एकजुट होना दिखाई देता ह्रै। इसमें पारिवारिक जीवन के विषय; तीक्ष्‍ण खुफिया और रचना का एक परिष्कृत अर्थ जो पुस्तक को समग्र रूप से चिह्नित करता है। विवाद के कारण कई वर्षों के बाद साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 2018 में स्वीडिश अकादमी में यौन शोषण के आरोपों के बाद पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था।
2018 में इस स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्टपर यौन शोषण के आरोप लगने के कारण स्थगित किया गया था। वर्ष 1901 से शुरू हुए नोबेल पुरस्कार के 119 साल के इतिहास में दो बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित किया जा चुका है।1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था। इससे पहले 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था।

साल 2019 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडका को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए दिया गया। वहीं 2018 का साहित्य का नोबेल 57 साल की पोलिश लेखक टोकार्चुक को जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिए दिया गया था।

 


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